साहिबगंज
झारखंड के साहिबगंज जिले से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां एक 24 वर्षीय युवक अनु कुमार बेदिया की उत्पाद सिपाही की भर्ती परीक्षा की दौड़ में भाग लेने के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। अनु ने अपने परिवार का भविष्य संवारने के लिए इस नौकरी के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
सिपाही भर्ती परीक्षा में एक और मौत
अनु, पतरातू प्रखंड के साकी गांव के रहने वाले थे और 12 सितंबर को साहिबगंज में आयोजित उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में भाग लेने गए थे। दौड़ के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें तुरंत साहिबगंज सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।
परिजनों के बीच चित्कार
परिजनों ने गंभीर हालत में अनु को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। 12 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बाद रविवार देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। अनु के पिता तुलेश्वर बेदिया ने बताया, 'मेरे बेटे ने नौकरी के लिए बहुत मेहनत की थी। उसका सपना था कि वो नौकरी पाकर अपने परिवार की जिंदगी बेहतर बनाए।'
सरकार की बदइंतजामी ने ली जान- पिता
पिता के अनुसार अनु की असामयिक मृत्यु से उनके परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि जीवन कितना अनिश्चित है।
पिता ने कहा कि 'अनु कुमार बेदिया घर से उत्पाद सिपाही बनने का सपना लेकर निकले थे, लेकिन राज्य सरकार ने ताबूत में अनु की लाश घर भिजवाई। राज्य सरकार की बदइंतजामी ने अनु से उनकी सांसे छीन ली।'