अगर आप इकोनॉमिक्स में करियर बनाने का सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत ही काम की है. भारत में इकोनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त करने के बाद आपके पास कई प्रैक्टिकल करियर ऑप्शन होते हैं. सही करियर ऑप्शन चुनने के लिए यह समझना जरूरी है कि हर ऑप्शन में क्या काम करना होता है और किन-कौन सी स्किल्स की जरूरत होती है. आज हम आपको इकोनॉमिक्स में करियर ऑप्शन की जानकारी विस्तार से दे रहे हैं ताकि आप बेहतर फैसला ले सकें.
फाइनेंशियल एनालिस्ट
फाइनेंशियल एनालिस्ट का काम फाइनाइंसिअल डेटा का विश्लेषण करना, इंवेस्ट के ऑप्शन की समीक्षा करना और कंपनियों को वित्तीय सलाह देना होता है. इसमें आप वित्तीय विवरणों की समीक्षा, बाजार के रुझानों की स्टडी और इंवेस्टमेंट की सिफारिशें करेंगे. क्लाइंट्स को सलाह देंगे कि उनकी फंड्स या निवेश को कहां और कैसे लगाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.
जरूरी स्किल्स
डेटा को एनालाइज करने आना चाहिए
एक्स्क्ल और फाइनेंसियल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
रिसर्च और निर्णय लेने की क्षमता
सैलरी स्ट्रक्चर
शुरुआती सैलरी: 4-6 लाख रुपये प्रति वर्ष
अनुभवी (10-15 साल): 15-30 लाख रुपये प्रति वर्ष
इकोनॉमिस्ट
इकोनॉमिस्ट के रूप में आपका काम इकोनॉमी के अलग-अलग पहलुओं की स्टडी करना, आर्थिक नीतियों और समस्याओं का विश्लेषण करना और यह पता लगाना होगा कि कौन से आर्थिक कदम आपको फायदा पहुंचा सकते हैं. आप बेरोजगारी,महंगाई और इंटरनेशनल बिजनेस जैसे विषयों पर काम करेंगे.
जरूरी स्किल्स
मैक्रोइकोनोमिक और माइक्रोकोनोमिक की समझ
गणित और स्टाटिक्स का उपयोग
बड़े डेटा का विश्लेषण
सैलरी स्ट्रक्चर
शुरुआती सैलरी: 6-8 लाख रुपये प्रति वर्ष
अनुभवी (10-15 साल): 20-40 लाख रुपये प्रति वर्ष
पॉलिसी एनालिस्ट
पॉलिसी एनालिस्ट सरकार, गैर-लाभकारी संगठनों या निजी कंपनियों के लिए काम करते हैं. उनका मुख्य काम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नीतियों का गहराई से अध्ययन करना और उनके प्रभावों का आकलन करना होता है. वे रिसर्च करेंगे, डेटा इकट्ठा करेंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे, जो नीति-निर्माण में सहायक होती हैं.
जरूरी स्किल्स
पब्लिक पॉलिसी की गहरी समझ
कानूनी और आर्थिक सिद्धांतों की जानकारी
उत्कृष्ट लिखित और मौखिक संचार क्षमता
सैलरी स्ट्रक्चर
शुरुआती सैलरी: 5-7 लाख रुपये प्रति वर्ष
अनुभवी (10-15 साल): 18-30 लाख रुपये प्रति वर्ष
इन्वेस्टमेंट बैंकर
इन्वेस्टमेंट बैंकर कंपनियों को वित्तीय सलाह देते हैं, खासकर मर्जर और एक्विजिशन जैसे बड़े सौदों के दौरान। उनका काम कंपनियों को पूंजी जुटाने, आईपीओ के लिए तैयार करने और निवेशकों के साथ बातचीत करके बड़े निवेश सौदों को सुनिश्चित करने का होता है। वे कंपनियों को मर्ज या अधिग्रहण में मदद करते हैं और कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर में सुधार करते हैं।
जरूरी स्किल्स
कॉर्पोरेट फाइनेंस की गहरी समझ
पूंजी जुटाने की क्षमता
क्लाइंट्स के साथ संपर्क और बातचीत के कौशल
सैलरी स्ट्रक्चर
रुआती सैलरी: 10-12 लाख रुपये प्रति वर्ष
अनुभवी (10-15 साल): 25-50 लाख रुपये प्रति वर्ष