पटना
माफिया से पॉलिटिश्यन बने उत्तर प्रदेश के अतीक अहमद की हत्या की आग अब बिहार में सुलगने लगी है। राजधानी पटना में शुक्रवार को अतीक के समर्थन में प्रदर्शन किया गया। पटना रेलवे जंक्शन के पास स्थित जामा मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अतीक और अशरफ के पक्ष में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने अतीक और अशरफ को शहीद बताया वहीं योगी-मोदी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में मेडिकल जांच के दौरान तीन बदमाशों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर। मीडिया के कैमरों के सामने अरुण, सनी और लवलेश नामक युवक ने दोनों पर अंधाधुंध फायरिंग कर खलबली मचा दी।
थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने कहा कि वरीय अधिकारियों से अनुमति लेकर सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की चेष्टा करने के आरोप में यूट्यूबर्स पर भी प्राथमिकी की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज निकाला जा रहा है।
ईद के पहले बिहार में बड़ा विवाद हो गया है। विवाद की जड़ में उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया टर्न्ड पॉलीटिशियन अतीक अहमद हत्याकांड है। शुक्रवार को पटना जंक्शन के पास उस समय विचित्र स्थिति पैदा हो गई जब मुसलमान समुदाय के कुछ लोग अलविदा की नमाज के बाद सड़क पर उतर आए। स्टेशन स्थित जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद ये लोग जुलूस की शक्ल में सड़क पर प्रदर्शन करने लगे। सभी अतीक अहमद के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने अतीक, अशरफ और अतीक बेटे असद को शहीद बताया और अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए। इसके साथ- साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने योगी मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रईस ग़ज़नवी नाम के शक्स ने कहा कि अतीक अहमद, अशरफ अहमद और असद अहमद को प्लान करके मारा गया। योगी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे असद की हत्या कराई। इसमें पुलिस और मीडिया का भी हाथ है। ग़ज़नवी ने कहा कि रोजा के दिन उन्हें अपराधियों के जरिए सरकार और पुलिस ने मरवा दिया। इसलिए पूरी दुनिया के मुसलमानों में अतीक अहमद को शहीद का दर्जा दिया गया है।