नई दिल्ली
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में दो और आरोपियों को जमानत मिल गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब कारोबारी समीर महेंद्र और आम आदमी पार्टी (आप) के वॉलंटियर चनप्रीत सिंह को कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दी है। इन दो आरोपियों को ऐसे समय पर जमानत मिली है जब हाल ही में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, के कविता और विजय नायर भी इसी मामले में बेल पर बाहर निकले हैं।
दोनों आरोपियों की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा, 'जमानत दी जाती है।' सीबीआई और ईडी के मुताबिक 2021-22 के लिए बनी नई शराब नीति में गलत तरीके से बदलाव करते हुए कारोबारियों को अधिक फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत ली गई। दिल्ली सरकार ने इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू की थी और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद सितंबर 2022 में वापस ले लिया था।
ईडी ने चनप्रीत को इस साल 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। चनप्रीत पर आरोप लगाया गया कि उसने गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के कैश फंड्स को मैनेज किया। वहीं, समीर महेंद्रू को 28 सितंबर 2022 को ही गिरफ्तार किया गया था। ईडी का आरोप है कि साउथ ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। ईडी का यह भी दावा है कि रिश्वत की इस रकम में से 45 करोड़ का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था।
अभियोजन का आरोप है कि महेंद्रू शराब घोटाले के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक हैं, वह ना सिर्फ शराब कंपनी चला रहे थे बल्कि होलसेल और कुछ रिटेल लाइसेंस भी दिए गए। नियमों का उल्लंघन करते हुए उनके रिश्तेदारों के नाम लाइसेंस जारी किए गए। कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आरोपी हैं। उनकी जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।