सारण.
कहते हैं कि कोई भी लड़की शादी के बाद मातृत्व सुख प्राप्त करने के लिए ना जाने कितना जतन करती हैं। बच्चा नही होने से बड़े-बड़े नर्सिंग होम का चक्कर लगाते हैं या फिर झाड़ फूंक करते भैन। लेकिन हर हाल में संतान सुख प्राप्त करने की ललक रहती है। लेकिन हम सारण की एक ऐसी महिला की चर्चा करने वाले हैं जो अपनी दुधमुंही नवजात को अपने ही हाथों गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी है।
घटना सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव की है, जहां की एक अभागी मां ने क्रुरता की सभी हदों को पार करते हुए कातिल बन गई। आरोपी महिला की पहचान उक्त गांव के बीड़ी राय की पुत्रवधु और सोनू राय की पत्नी नीरू कुमारी के रूप में हुई है, जिसने अपने गर्भ में सात माह तक रखने के बाद विगत महीने एक बच्ची को जन्म दिया। उसको प्यार से वह सिमरन बुलाती थी। लेकिन जब सिमरन एक माह की हुई तो नीरू ने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर उसके शव को घर में ही चावल के ड्रम में छिपा कर रख दी। घटना चार सितंबर की संध्या की बताई जा रही है, जिसका उद्भेदन चार दिनों बाद तरैया थाने के थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह, अपर थानाध्यक्ष प्रवेश कुमार और महिला एसआई श्वेता गुप्ता ने अपने सुझबुझ से कर दी।
बच्ची की अपंगता के डर से की हत्या
पुलिस की गिरफ्त में आई उक्त महिला ने दुधमुंही बच्ची की हत्या के कबूलनामे में बताया कि उसकी पुत्री का जन्म सात माह पर ही हो गया था। जिस कारण बच्ची पूरी तरह से अस्वस्थ्य थी। उसका शरीर भी पूर्ण विकसित नहीं होने के साथ ही सुंदर भी नही थी। बच्ची अपने मां की स्तन को मुंह से पकड़ कर दूध नहीं पी पाती थी। मां अपने स्तन से खुद दूध निचोड़ कर चम्मच से दूध पिलाती थी। मां को लग रहा था कि उसकी बच्ची बड़ी होकर अपंग हो जाएगी। उसकी पहली संतान ही अपंग हो जाए वह ऐसा नहीं चाहती थी। इसलिए बच्ची को अपनी जिंदगी से दूर करना चाहती थी। जब 04 सितंबर को घर में कोई नहीं था। तब उसने अपनी पुत्री का गला घोंटकर उसकी हत्या कर उसके शव को घर के बरामदे में रखे चावल के ड्रम में छिपा दिया। फिर बाथरूम गई और दस मिनट के बाद बाहर निकलते ही बच्ची के गायब होने की हाई प्रोफाइल ड्रामा शुरू कर दिया ताकि उस पर कोई शक नही करें।
डॉग स्क्वायड भी नकायब रही
तरैया थाने की पुलिस को आरोपी मां ने बताया था कि वह अपनी बच्ची को बिस्तर पर सुलाकर टॉयलेट गई थी और जब लौटी तब बच्ची गायब थी। जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कर ली और डॉग स्क्वायड टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची और चार सितंबर बुधवार की रात को पूरी रात पुलिस ने बच्ची की बरामदगी के लिए जगह-जगह छापेमारी की, लेकिन पुलिस खाली हाथ लौटी। फिर अगले दिन पांच सितंबर गुरुवार को बच्ची का शव उसी घर में रखे एक चावल के ड्रम से पुलिस ने बरामद कर लिया। बच्ची का शव जब बरामद हुआ तो शव देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बच्ची की हत्या गला दबाकर ही की गई है। फिर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया और परिजनों को सौप दिया। उसके बाद अनुसंधान के दौरान पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में लेकर बारी-बारी से पूछताछ की। हालांकि अंत में घटना के चार दिनों बाद मां नीरू कुमारी ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए पुलिस को सच-सच बता दिया। जिसके बाद हत्या की गुत्थी को स्थानीय तरैया थाने की पुलिस ने सुलझा लिया है।
स्पीडी ट्रायल के तहत महिला के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
इस तरह के कुकृत्य से महिला के किसी पड़ोसी या गांव के लोगों का हाथ नही था। लेकिन बच्ची के परिवार वाले बच्ची के गायब होने का जिस तरह से हाई प्रोफाइल ड्रामा किया और पुलिस ने डॉग स्क्वायर टीम के साथ उनके घरों और रिश्तेदारों के यहां छापेमारी की। यह सब देख सभी लोग भयभीत और सहमे हुए थे। पड़ोसियों को डर था कि कहीं घरेलू दुश्मनी के कारण किसी निर्दोष का नाम हत्या के मामले में नहीं आ जाए। इसलिए सभी पड़ोसी और ग्रामीण पुलिस के अनुसंधान पर सरसरी निगाह लगाए हुए थे। अब पुलिस के सही अनुसंधान के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। जिस कारण स्थानीय थाना क्षेत्र में तरैया पुलिस की भूरी-भूरी प्रशंसा हो रही हैं। इस मामले में स्थानीय थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस कुकृत्य हत्या की मुख्य आरोपी मृतिका की मां नीरू कुमारी है, जिसने अपने स्वीकारोक्ति बयान में अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। आरोपी नीरू को जेल भेजा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि उसके विरुद्ध स्पीडी ट्रायल के तहत कार्रवाई की जाएगी।