भोपाल
कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। इसके बावजूद जीएमसी की वायरोलॉजी में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए किट खत्म हो गई है, लिहाजा लोगों को जांच के लिए प्रायवेट लैब में जाकर पैसे खर्च करना पड़ रहे हैं। बतादें कि हमीदिया अस्पताल व गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में आधा दर्जन से ज्यादा जरूरी जांचें बंद हैं। इसकी वजह जांच के लिए जरूरी जांच किट नहीं होना है।
हालात यह हैं कि जल्द ही किट की सप्लाई नहीं हुई तो कुछ दिनों में ब्लड शुगर और ब्लड यूरिया जैसी सामान्य, लेकिन अति जरूरी जांचें भी बंद हो जाएंगी। ऐसे में मरीजों को यह जांच निजी केन्द्रों में करानी पड़ रही हैं। इस पर 200 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक खर्च आ रहा है। मालूम हो कि हमीदिया अस्पताल मज्यादातर जांचें मुफ्त हैं। इन जांचों के लिए किट (रीएजेंट्स) खत्म हो गए हैं। किट की खरीदी न होने के कारण जांच नहीं हो पा रहीं।
कोरोना के नए लक्षण, आंखों में जलन भी देखने को मिल रही
प्रदेश में कोरोना के सबसे अधिक मामले भोपाल में मिल रहे हैं। आज मिले 20 नए मरीजों के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या 106 है। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि मरीज तो जरूर बढ़ रहे हैं। मगर मरीजों में ज्यादा गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं। बता दें इस बार नए लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। जिसमें आंखों में जलन, खरास, भूख न लगना, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण हैं।
स्कूल भी कर रहे मास्क जरूरी
शहर के कई निजी स्कूलों में छोटे बच्चों के लिए मास्क जरूरी कर दिया है। हालांकि कई पेरेंट्स खुद ही बच्चों को मास्क के साथ ही स्कूल भेजते हैं। मेडिसिन विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चों को संक्रमित लोगों से दूर रखने की जरूरत है। एम्स ने कोरोना को देखते हुए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार कार्यस्थल पर मास्क लगाकर रखना, नियामित साफ-सफाई, समाजिक दूरी व हाथ धोना शामिल हैं।
जल्द आएंगी किट
अभी इतनी जांच के लिए सैंपल नहीं आ रहे हैं, वैसे भी बीएमएचआरसी और एम्स भी जांच की सुविधा मौजूद है। जांच कीट जल्द आ जाएंगी।
डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल