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बंद कमरे में हुई गौतम अडानी ने शरद पवार की मुलाकात, निकल रहे अलग – अलग मायने

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 मुंबई

कारोबारी गौतम अडानी ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार से मुलाकात की है। गुरुवार को अडानी एनसीपी नेता के घर पर पहुंचे और यह मीटिंग करीब दो घंटे तक चली। फिलहाल दोनों लोगों के बीच किस मसले पर बात हुई, यह सामने नहीं आया है। बीते दिनों गौतम अडानी पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला था, जिसे लेकर शरद पवार ने कहा था कि इससे कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने गौतम अडानी के मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग को भी गलत बताया था। ऐसे में गौतम अडानी से शरद पवार की मुलाकात अहम है और इसी वजह से इसकी चर्चा हो रही है।

बताया जा रहा है कि शरद पवार के मुंबई स्थित आवास पर गौतम अडानी पहुंचे। अभी यह नहीं साफ है कि यह मुलाकात शिष्टाचार भेंट है या इसके पीछे कोई और वजह है। महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म है। दो दिन तक शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बीजेपी में जाने की अटकलों पर चुप्पी साधे रखी। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मैं हलफनामा लिखकर दे सकता हूं कि एनसीपी में ही रहूंगा।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद विपक्ष आरोप लगा रहा था कि गौतम अडानी ने 20 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार किया है। शीतकालीन सत्र में राजनीतिक माहौल गरमा गया था। लेकिन कुछ दिन पहले शरद पवार ने कहा था कि उन्होंने हिंडनबर्ग का नाम नहीं सुना है। यह भी कहा था कि इस मामले में जेपीसी की जगह सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी द्वारा जांच ज्यादा सही रहेगी। यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई, जब हाल ही में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुद्दे पर शरद पवार ने अडानी का समर्थन किया था.

क्या है हिंडनबर्ग-अडानी मुद्दा?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.

विपक्ष अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की कर रही मांग

अडानी के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. बजट सत्र में भी अडानी मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ था. सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. राहुल गांधी भी लगातार सदन के अंदर और बाहर से इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आए. लेकिन शरद पवार ने इस मुद्दे पर अलग स्टैंड लिया.

शरद पवार ने अडानी का किया था सपोर्ट

शरद पवार ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ''इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था. लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.''

पवार ने अडानी मसले पर JPC की मांग को झटका देते हुए कहा था कि ये निष्पक्ष नहीं होगा क्योंकि 21 में 15 सदस्य सत्ता पक्ष के होंगे.

शरद पवार के इस बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि एनसीपी का अपना कोई स्टैंड हो सकता है, लेकिन 19 विपक्षी पार्टियां ये मानती हैं कि अडानी मुद्दा गंभीर है. मैं ये भी साफ करना चाहता हूं कि एनसीपी और दूसरे विपक्षी दल हमारे साथ ही खड़े हैं, सभी साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं और बीजेपी की बंटवारे वाली राजनीति को हराना चाहते हैं.