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UGC students के लिए लेकर आया ‘ऑन द जॉब ट्रेनिंग’ का मौका, ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन

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नई दिल्ली

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) युवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक खास ट्रेनिंग प्रोग्राम लेकर आया है. यूजीसी ने स्टूडेंट्स के लिए नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS 2.0) लॉन्च की है. इस योजना के अंदर स्टूडेंट्स को काम करने के साथ-साथ क्लास में भी पढ़ाया भी जाएगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए कैंडिडेट्स को पोर्टल nats.education.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

नौकरी के साथ-साथ होगी ट्रेनिंग

अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग के जरिये नए करियर क्षेत्र में जरूरी स्किल्स और जानकारी सीखने को मिलती है. इस ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स को वेतन भी दिया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि स्टूडेंट्स को खास क्षेत्र में महारत हासिल करने में मदद मिले ताकि भविष्य में स्टूडेंट्स अच्छी नौकरी पा सकें.

इस ट्रेनिंग स्कीम के तहत 6 महीने से लेकर एक साल तक के लिए बैचलर्स, डिप्लोमा होल्डर्स और प्रोफेशनल सर्टिफिकेट होल्डर्स को 'ऑन-जॉब ट्रेनिंग' (OJT) आधारित स्किल अपॉर्चुनिटी दी जाती है. NTS 2.0 पोर्टल के माध्यम से उम्मीदवारों को अप्रेंटिसशिप के अवसर खोजने में मदद मिलेगी.

DBT के जरिए मिलेगा स्टाइपेंड

यह पोर्टल न केवल ऐसे एम्पॉलयर खोजने में मदद करेगा, बल्कि अप्रेंटिसशिप से जुड़ी सभी एक्टिविटी के लिए एक व्यापक समाधान भी प्रदान करेगा. इसमें रजिस्ट्रेशन, एप्लीकेशन, वैकेंसी नोटिफिकेशन, कॉन्ट्रैक्ट निर्माण, सर्टिफिकेशन, और स्टाइपेंड शामिल हैं. स्टाइपेंड नियमों के अनुसार होगा और पोर्टल के जरिए सीधे लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर)के माध्यम से दिया जाएगा.  

आधिकारिक बयान में कहा गया है, "एनएटीएस पोर्टल प्लेसमेंट और उद्योग के रुझानों पर मूल्यवान डेटा अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और पूर्ण प्रशिक्षुता के लिए मान्यता प्राप्त प्रमाणन प्रदान करेगा, कौशल अंतर को कम करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र नौकरी के लिए तैयार हैं."

NATS क्या है?

राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (NATS) भारतीय युवाओं को व्यापारिक कौशल में सक्षम बनाने के लिए सरकार की एक योजना है. यह योजना प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 के तहत 1973 में संशोधित की गई थी. इसमें स्नातक, डिप्लोमा धारक और व्यावसायिक प्रमाणपत्र वाले छात्रों को ऑन-द-जॉब-ट्रेनिंग (OJT) दी जाती है. इस कार्यक्रम की अवधि छह महीने से लेकर एक साल तक होती है.