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हिंदी सभी भाषाओं का अनुपम अनुबंध सागर है :- प्रभारी प्राचार्य एन के आर्य

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डिंडोरी
 माँ नर्मदा जी के तट स्थित  शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की स्वायत्त संस्थान नवोदय विद्यालय समिति की इकाई  पीएम  जवाहर नवोदय विद्यालय डिंडोरी (म.प्र.) में प्रभारी  प्राचार्य   नरेन्द्र कुमार आर्य के मार्गदर्शन और कुशल नेतृत्व में हिंदी दिवस और हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ  किया गया।
    सर्वप्रथम  प्रभारी प्राचार्य  एन के आर्य ,  धर्मेन्द्र सोनकर,  के एल महोबिया  रामानन्द,  रमेश बिश्नोई द्वारा आधुनिक हिंदी साहित्य के विकास के पुरोधा और पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र की छायाचित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्पण दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात् कक्षा सातवीं की छात्रा कुमारी प्राची पड़वार द्वारा स्वरचित बाल कविता  " हम है बच्चे" का सास्वर पाठन किया । इसके बाद कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा कुमारी रागिनी व्यौहार द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र की जीवन चरित्र पर और हिंदी भाषा के विकास पर प्रकाश डाला गया। शिक्षकों की ओर से
विद्यालय के अंग्रेजी शिक्षक धर्मेंद्र सोनकर द्वारा हिंदी भाषा के विकास और संवर्धन पर अपने विचार व्यक्त किया ,उन्होंने बताया स्वतंत्रता के साथ ही अंग्रेजी भाषा को सिर्फ पंद्रह वर्षों के लिए ही कामकाज के लिए मान्यता प्राप्त हुई थी किंतु राजनीतिक मनसा की कमी के कारण आज हिंदी भाषा दोयम दर्जे की शिकार है और अंग्रेजी फल फूल रही है। आज भी हमारे न्यायालय में अधिकांश निर्णय अंग्रेजी में ही सुनाए जा रहे हैं और पाठ पठन का केंद्र बिंदु भी अंग्रेजी माध्यम बनता चला जा रहा है जो चिंताजनक है।
कार्यक्रम का संचालन के लिए कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा कुमारी संध्या मनोटिया आमंत्रित करते हुए विद्यालय के हिंदी शिक्षक के एल महोबिया जी ने हिंदी भाषा के विकास और प्रयोग पर चर्चा करते हुए अपनी स्वरचित गजल प्रस्तुत किया । समस्त कार्यक्रम की फोटो ग्राफी विद्यालय की छात्रा कुमारी कामना धुर्वे ने  किया।
पीएम  जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य  नरेंद्र कुमार आर्य द्वारा हिंदी भाषा के समन्वय कारी सरिता है जिसमें सभी नदियां धाराएं समाहित हो जाती हैं ऐसी हमारी हिंदी है जो विश्व की पटल पर केंद्रित होने के लिए पायदान पर खड़ी है यह एक व्यावसायिक भाषा है और इसका भविष्य उज्ज्वल है, भारत स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी भाषा भारत के सभी क्षेत्रों को जोड़ने का काम किया है इसका व्यापक प्रचार प्रसार हुआ ,। महात्मा गांधी गुजरात के होने के बावजूद भी और सुभाष चंद्र बोस उड़िया भाषा भाषी क्षेत्र के होने के बाद भी हिंदी प्रयोग पर बल दिया ।
हिंदी को राष्ट्रीय गौरव प्रदान किया आज हिंदी वैश्विक भाषा है । हिंदी  को भारतीय भाषाओं को जोड़ने का गौरव प्राप्त है ।छात्र छात्राओं को अधिक अधिक पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि भविष्य में हिंदी जीवन को संवारने के लिए और अगामी परीक्षा के लिए तैयारी में लाभान्वित करेगी । सभी छात्र हिंदी भाषा के प्रयोग के लिए किंचित संकोच न करें सुनहरे भविष्य के लिए  आशीर्वचन प्रदान किया।
इस  अवसर पर  विद्यालय के  शिक्षक- शिक्षिका श्रीमती सुनीता गुप्ता ,  केशव सिंह धुर्वे,  सभाजीत पटेल,  सुश्री शालिनी , सुश्री दीक्षा तिवारी,  नरेन्द्र कुमार दुबे के  साथ विद्यालय की विद्यालय के छात्रों की उपस्थिति गरिमा में रही । अंत में कार्य क्रम का आभार  रमेश बिश्नोई ने व्यक्त के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।