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शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर सिर झुकाकर माफी मांगता हूं: पीएम मोदी

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पालघर
 महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में आज पीएम मोदी ने माफी मांगी है। घटना पर पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं, वो हमारे आराध्य हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में सोमवार को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति गिर गई थी।
सावरकर को गाली देने वालों की तरह नहीं हैं हम

पीएम मोदी ने कहा,

    आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस धरती के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें और उनका अपमान करते रहें। वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।

शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता: मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, ''आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद लिया। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं। मैं आज अपने आराध्य देव की चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।''

पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पालघर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनका अभिनंदन किया. पीएम मोदी ने यहां 76,000 करोड़ रुपये की वाधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी. उन्होंने लगभग 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. इससे पहले उन्होंने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 को भी संबोधित किया. इसी दौरान अपने संबोधन के बीच उन्होंने बीते दिनों क्षत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने को लेकर अफसोस जताया और कहा कि, 'शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर सिर झुकाकर माफी मांगता हूं.'

'पीएम मोदी ही करेंगे उद्घाटन'

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, 'आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वधवन बंदरगाह के शिलान्यास समारोह में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करता हूं. यह पूरे महाराष्ट्र के लिए स्वर्णिम दिन है. यह एक गेम चेंजर प्रोजेक्ट है. इसका मुख्य लाभ पालघर के लोगों को मिलेगा. बंदरगाह का पहला चरण 2029 तक खुल जाएगा. शिलान्यास पीएम मोदी द्वारा किया जा रहा है और मैं आपको बता दूं कि उद्घाटन भी पीएम मोदी ही करेंगे. वधवन देश का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा और भारत पूरी दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों की सूची में शामिल होगा. यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है.'

'विकास के लिए हमें थोड़ा बहुत एडजस्ट करना होगा'

इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, 'आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आज जब शिलान्यास किया जा रहा है, हमने परियोजना के खिलाफ विरोध की कुछ खबरें देखी हैं. हमें समझना होगा कि विकास के लिए हमें थोड़ा बहुत एडजस्ट करना होगा. सभी का ख्याल रखा जाएगा. मैं पीएम और सीएम के सामने आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी पीछे नहीं रहेगा. सभी को साथ लेकर चला जाएगा और पीढ़ियों को फायदा होगा. बंदरगाह से न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को फायदा होगा.'

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. वधवन बंदरगाह जेएनपीटी से तीन गुना बड़ा होगा. अगले 50 सालों तक महाराष्ट्र वधवन बंदरगाह की वजह से नंबर वन रहेगा. 1980 में वधवन बंदरगाह का विजन बनाया गया था. इसकी प्राकृतिक गहराई 20 मीटर है. यह सपना आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से पूरा हो रहा है. ​वधवन बंदरगाह के फायदों की वजह से पीएम मोदी जी को अगले 200 सालों तक याद किया जाएगा.'

सीएम शिंदे भी मांग चुके हैं माफी
बता दें कि प्रतिमा गिरने के मुद्दे पर इससे पहले सीएम एकनाथ शिंदे भी माफी मांग चुके हैं. लगातार हो रही आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह महान पराक्रमी शासक के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे. विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए अन्य मुद्दे भी हैं, लेकिन महाराष्ट्र में पूजनीय शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए. उधर, सिंधुदुर्ग जिले में हाल ही में मूर्ति गिरने की घटना के कारण पैदा हुई गर्मागर्मी के बीच राज्य सरकार ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है.

संजय राउत ने किया था आंदोलन का ऐलान
उधर, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने महायुति सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की घोषणा की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने ऐलान किया है कि रविवार से "सरकार को जूते मारो आंदोलन" शुरू किया जाएगा.

संजय राउत ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा विवाद को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "वो प्रतिमा हमारे लिए सिर्फ एक स्टैच्यू नहीं, बल्कि भगवान की मूर्ति है. इन लोगों ने हमारे भगवान की मूर्ति में भी भ्रष्टाचार कर दिया है. हम इसे सहन नहीं करेंगे और रविवार से सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे."

महायुति सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान
राउत का यह बयान उस समय आया है जब महाराष्ट्र में महायुति सरकार के खिलाफ विपक्ष की नाराजगी और गुस्सा बढ़ता जा रहा है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर जनता के बीच भी नाराजगी है, जिसे लेकर उद्धव सेना ने सरकार के खिलाफ इस आंदोलन का ऐलान किया है. राउत ने आगे कहा कि यह आंदोलन सरकार की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ है और इसे पूरे महाराष्ट्र में व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद है.

शुक्रवार को हुई मामले में पहली गिरफ्तारी
बता दें कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी हुई है. कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया गया है. कोल्हापुर क्राइम ब्रांच ने सिंधुदुर्ग केस में शुक्रवार तड़के तीन बजे के आसपास स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया.

पाटिल को मालवन पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया गया. इसके बाद कोल्हापुर पुलिस ने आरोपी को मालवन पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने इससे पहले एफआईआर में कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटिल को आरोपी बनाया था. एफआईआर में जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल पर लापरवाही और प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

कब हुआ था प्रतिमा का अनावरण?
सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जब सिंधुदुर्ग में पहली बार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. प्रतिमा का मकसद मराठा नौसेना की विरासत और छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री रक्षा और सुरक्षा में योगदान के साथ-साथ आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंध का सम्मान करना था. इस प्रोजेक्ट का कॉन्सेप्ट और नेतृत्व इंडियन नेवी ने राज्य सरकार के सहयोग से किया था. सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए फंड मुहैया करवाया था.

 

वधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी

पीएम मोदी ने ये सारी बातें वधवन बंदरगाह की आधारशिला रखते हुए कहीं। पीएम ने आज पालघर में कई विकास कार्यों का भी शुभारंभ किया।

पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र के पास विकास के लिए सामर्थ्य भी है और जरूरी संसाधन भी है। यहां समुद्र के तट भी है और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास भी है। यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं। मोदी ने कहा कि इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र और देश को मिले, इसके लिए आज वधवन पोर्ट की नींव रखी गई है। यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा। ये देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट में से एक महत्वपूर्ण पोर्ट होगा।