ग्वालियर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंधिया परिवार को लेकर कहा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने भाजपा के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन कभी न तो सरकार में पद लिया और न संगठन में। संघर्ष के मामले में भी जब लगा तो सरकार ही पलट दी, सिंधिया ने भी और राजमाता ने भी। यानी जब बात चढ़ गई तूल पर तो गया जो होना है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ग्वालियर इंडस्ट्री कान्क्लेव (gwalior Regional Industry Conclave) को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने उद्योगपतियों को ग्वालियर-चंबल के किस्से भी सुनाए।
पांढुर्ना में औद्योगिक इकाई के लोकार्पण में महाराष्ट्र के निवेशक ने कहा, यहां दस साल से यहां उद्योग चला रहे हैं, अब उसका एक्सपांशन किया है। मध्यप्रदेश के अधिकारी बहुत सहयोग करते हैं। इस पर सीएम उनकी विनम्रता का उदाहरण देते हुए बोले- आप तो ऐसे ही बोलते रहो, हमारा काम चल जाएगा।
तो काहे का उद्योग
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि माधवराव सिंधिया ने अंग्रेज शासनकाल में उद्योग शुरू कराए। इस तरह ग्वालियर घराने ने देश के 600 रियासतों को नया रास्ता दिखाया। धन घर में रखने का नहीं होता। एक का दस नहीं हो तो काहे का उद्योग और काहे का उद्योगपति। इसलिए धन चलायमान होना चाहिए।
ग्वालियर का स्टाइल है…
प्रदेश के छह औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों का वर्चुअल भूमिपूजन और लोकार्पण के दौरान सबसे पहले सीएम भिंड के मालनपुर से जुड़े। तकनीकी दिक्कत के कारण आवाज नहीं आ रही थी। इस बीच माइक शुरू हो गया। मालनपुर से देवेंद्र गौड़ कहते सुने गए- ओए देख आवाज नहीं आ रही। मुख्यमंत्री हंस पड़े और बोले- यह ग्वालियर का स्टाइल है।
पाय लागी और गोली दागी
डिफेंस सेक्टर के लिए संभावना और निवेशकों की बात करते हुए सीएम ने कहा, चंबल के बीहड़ किसी और के लिए पहचाने जाते थे, लेकिन ग्वालियर-चंबल में कोई विनम्रता नहीं छोड़ता। झगड़ा भी हो जाए तो कंधे पर बंदूक टांगे चले आते हैं। सामने आ रहे व्यक्ति से पाय लागी कहते हैं और फिर कंधे से बंदूक उतार गोली….।