दौसा.
दौसा नगर परिषद अक्सर सुर्खियों में रहता है। लेकिन, ताजा मामला पिछले दिन का है, जब बिजली विभाग का बकाया बिल जमा नहीं होने के कारण जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने दौसा नगर परिषद का बिजली कनेक्शन काट दिया। नगर परिषद सभापति ममता चौधरी ने कहा कि नगर परिषद के पास पैसा नहीं है, इसलिए बिजली का कनेक्शन काटा गया है। सभापति ने बताया कि पिछले 12 महीनों से आचार संहिता के कारण नगर परिषद में कोई कार्य नहीं हो पाया, जिससे नगर परिषद को राजस्व नहीं मिल सका।
ममता चौधरी ने यह भी बताया कि आचार संहिता के दौरान नगर परिषद में कोई स्थायी आयुक्त नहीं था, किसी अन्य को चार्ज देकर काम चलाया जा रहा था। उन्होंने इसे भी बिजली का बिल जमा नहीं होने का एक कारण बताया। हालांकि, नगर परिषद का बिजली कनेक्शन काटे जाने के बाद ममता चौधरी ने कहा कि जल्द ही बिल जमा करवा करवा दिया जाएगा। सभापति के ये आरोप कहीं न कहीं सही हो सकते हैं, लेकिन नगर परिषद के कुछ ठेकेदारों का कहना है कि इस 12 महीने की अवधि के दौरान चहेते ठेकेदारों को उनके किए गए कामों का भुगतान किया गया है। हालांकि, कुछ ठेकेदारों को भुगतान किया गया होगा, लेकिन अभी भी दर्जनों ठेकेदारों का भुगतान बकाया है। पिछले दिनों नगर परिषद के अधिकृत ठेकेदारों ने भुगतान के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया था। यह भी बता दें कि पिछले साल राजस्थान की एक नगर परिषद के ठेकेदार ने भुगतान न मिलने के कारण आत्महत्या तक कर ली थी। यह नगर परिषद का आंतरिक मामला हो सकता है, लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि जैसे ही नगर परिषद का बिजली कनेक्शन काटा गया, उसके कुछ समय बाद ही नगर परिषद के कर्मचारी एयर कंडीशनर, पंखा और अन्य बिजली उपकरण का उपयोग करते नजर आए। यह जांच का विषय है कि कनेक्शन काटे जाने के बाद भी नगर परिषद में बिजली की सप्लाई कैसे हो रही थी, जबकि बताया जा रहा है कि नगर परिषद में कोई जनरेटर भी नहीं है। इस मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एसई एम एल मीणा ने बताया कि हमने नगर परिषद का कनेक्शन जरूर काटा था, लेकिन कलेक्टर और एसडीएम के आश्वासन के बाद उसे फिर से जोड़ दिया गया है।
नगर परिषद का बिजली कनेक्शन काटने के मामले में सिटी एईएन रिंकेश मीणा ने कहा कि नगर परिषद के विभिन्न उपक्रमों को जोड़ने पर लगभग 3 करोड़ रुपए की देनदारी है। कलेक्टर देवेंद्र कुमार और एसडीएम मनीष जाटव से बात होने के बाद, आश्वासन मिलने पर बिजली आपूर्ति पुनः चालू कर दी गई है। फिर भी बड़ा सवाल यही है कि केवल आश्वासन मिलने के बाद ही जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने इतनी जल्दी कनेक्शन क्यों काटा और फिर कलेक्टर और एसडीएम के फोन के बाद महज एक आश्वासन पर कनेक्शन जोड़ दिया गया।