शिमला
हिमाचल प्रदेश को गर्मी से राहत मिली है। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में रात से रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है। मैदानी और मध्य पर्वतीय जिलों में अधिकांश स्थानों पर बरसात हो रही है। कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे हैं। राजधानी शिमला में रात भर अंधड़ के साथ झमाझम बारिश हुई है। इससे तापमान में गिरावट आई है। 22 अप्रैल तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है।
राज्य के जनजातीय इलाकों सहित ऊंची पहाड़ियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक लाहौल-स्पीति के गोंदला में 6.5, कुकुमसेरी में 5.9 और केलांग में 2 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। जोगेंद्रनगर में 46, शिमला के कोटखाई और कुल्लू के भुंतर में 35-35 और चम्बा में 33 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। शिमला शहर में 0.7 डाईमीटर ओलावृष्टि भी हुई।
मौसम में अचानक हुए बदलाव से न्यूनतम तापमान 4 से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। लाहौल-स्पीति जिला मुख्यालय केलांग राज्य का सबसे ठंडा स्थल रहा। यहां का न्यूनतम तापमान -0.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है। कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान 0.3, कल्पा में 5.4, मनाली में 6, कुफरी में 6.7, भरमौर में 7, मशोबरा में 7 8, डलहौजीमें 7.9, रिकांगपिओ में 8.4, शिमला में 8.8, भुंतर में 11.3, धर्मशाला में 11.4, पालमपुर में 11.5, सोलन में 13, चम्बा में 14.2, मंडी में 15.1, कांगड़ा में 15.8, बिलासपुर में 17, हमीरपुर में 17.1 और नाहन में 18.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
अगले चार दिनों तक मौसम के मिजाज इसी तरह रहने के आसार हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने 22 अप्रैल तक मौसम के खराब रहने का पूर्वानुमान जताया है। निचले इलाकों में गर्जना के साथ वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। ऊंचे स्थानों पर बर्फबारी की संभावना भी जताई है।
प्रदेश में अंधड़-बारिश व बर्फबारी से परिवहन व बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बुधवार सुबह तक प्रदेश में दो नेशनल हाइवे समेत आठ सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 615 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़ गए हैं। लाहौल-स्पीति, चम्बा व कांगड़ा में दो-दो और कुल्लू व शिमला में एक-एक सड़क अवरुद्ध है। ऊना जिला में अंधड़ चलने से 318 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ जाने से बिजली गुल हो गई है। कुल्लू जिला में 271, लाहौल-स्पीति में 19 और चम्बा जिला में सात ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। बर्फबारी से लाहौल-स्पीति के लाहौल में दो और चम्बा के भरमौर में एक पेयजल परियोजना भी बाधित हुई है।