उज्जैन.
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भादो मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के महासंयोग में निकलने वाली सवारी में भक्तों को भगवान महाकाल के एक साथ छह रूपों के दर्शन होंगे। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी पर उमा महेश, रथ पर होलकर तथा घटाटोप रूप में सवार होकर दर्शन देने निकलेंगे। परंपरागत मार्गों से होकर सवारी शिप्रा तट पहुंचेगी। पूजन के पश्चात सवारी जब मंदिर लौटेगी, तब गोपाल मंदिर में हरि-हर का मिलन होगा।
जनजातीय कलाकारों का दल देगा नृत्य प्रस्तुति
महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ सवारी की शुरुआत होगी। सवारी में बैतूल के जनजातीय कलाकारों का दल गोंड जनजाति थातिया नृत्य की प्रस्तुति देते निकलेगा। दो सितंबर को श्रावण-भादो मास के क्रम की आखिरी शाही सवारी निकलेगी।