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ईरान समर्थित आतंकी समूह हिजबुल्लाह के कहर के बीच इजरायल में ही फूट पड़ने लगी, अपनों की बगावत

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तेल अवीव
ईरान समर्थित आतंकी समूह हिजबुल्लाह के कहर के बीच इजरायल में ही फूट पड़ने लगी है। लोगों का नेतन्याहू पर भरोसा उठने लगा है। लाखों की तादाद में इजरायली लोग नेतन्याहू के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं और हमास के खिलाफ नाकामी के लिए उन्हें कोस रहे हैं। विपक्षी दलों के नेतृत्व में इजरायलियों ने देश में फिर चुनाव कराने की मांग की है। इजरायली गाजा समेत उनकी धरती में हो रहे कत्लेआम के लिए सीधे तौर पर नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर नेतन्याहू ने समझदारी दिखाई होती तो इतना नुकसान नहीं होता।

अपने कमांडर फुआद शुक्र की हत्या का बदला लेने के लिए लेबनानी आतंकी समूह हिजबुल्लाह ने रविवार को इजरायल के 11 ठिकानों पर जबरदस्त गोलाबारी की। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, हिजबुल्लाह का कहना है कि उसने 300 से अधिक रॉकेट दागे हैं, जबकि आईडीएफ का कहना है कि 200 से कुछ ज्यादा हवाई हमले किए गए। कुछ हवाई हमलों को वायु सुरक्षा प्रणालियों द्वारा नष्ट कर दिया लेकिन, कुछ इजरायली जमीन पर गिरे हैं। कई जगह बहुत नुकसान हुआ है, लोग भी हताहत हुए हैं। हिजबुल्लाह के जवाब में इजरायल ने भी लेबनान में 100 से अधिक रॉकेट दागे और जमकर कहर बरपाया।

हिजबुल्लाह ने रविवार को इजरायल पर जवाबी हमला करते हुए 11 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। बयान में कहा गया है, "पहला चरण पूरी तरह से सफल रहा। यह इजरायली क्षेत्र के अंदर मुख्य लक्ष्य तक बैरकों और गढ़ों पर हमलों का चरण था। ड्रोन ने योजना के अनुसार उड़ान भरी। इस दौरान 11 लक्ष्यों को सूचीबद्ध करके हमला किया गया, जिनमें तीन आईडीएफ बेस, गोलान हाइट्स में दो बेस, तीन बैरक और कई गढ़ शामिल हैं।”
 

बगावत से कमजोर हो रहे नेतन्याहू

हजारों इजरायली एक बार फिर देशभर में सड़कों पर उतर आए और नए चुनावों की मांग की। बंधकों के परिवारों ने तेल अवीव के बंधक चौक पर साप्ताहिक रैली निकाली। रैली में उन्होंने छह बंधकों को बचाने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की। उनके शव कुछ दिन पहले गाजा से बरामद किए गए थे। सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिरासत में लिए गए लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने कहा कि यरुशलम में तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।

बरामद शवों में से एक के परिजन ने नेतन्याहू को अपने संदेश में कहा, "आप उन्हें बचा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।" विपक्ष के नेता यायर लैपिड ने कहा, "यदि नेतन्याहू किसी समझौते को विफल कर देते हैं, तो इसका मतलब है कि वे सीधे तौर पर हमास के नए चीफ याह्या सिनवार की इच्छाओं को पूरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री महोदय, आप स्वयं काहिरा जाइए, किसी को मत भेजिए। अभी समझौता कर लीजिए।"

गौरतलब है कि हमास का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मध्यस्थों मिस्र, कतर और अमेरिका के साथ बातचीत के लिए काहिरा पहुंचा है। इजरायल के प्रतिनिधिमंडल ने भी गुरुवार और शुक्रवार को काहिरा में बातचीत की। हालांकि, लेबनान के हिजबुल्लाह समर्थक अल मायादीन समाचार आउटलेट ने शनिवार देर रात कहा कि काहिरा में वार्ताकारों और हमास के बीच बातचीत से "कोई स्पष्ट प्रगति" नहीं हुई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमास ने मध्यस्थों से कहा है कि वह 2 जुलाई को तय हुए समझौते को मानने के लिए तैयार हैं लेकिन, अब इजरायल ने एक बार फिर नई मांग थोपकर युद्धविराम पर अड़ंगा डाल दिया है।