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कोलकाता केस में आरोपी की बढ़ीं मुश्किलें, अदालत ने 14 दिनों की हिरासत में भेजा

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कोलकाता

कोलकाता की महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या मामले की शुक्रवार को सियालदह कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने आरोपी संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर का शव मिला था। इसके एक दिन बाद ही आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी घटना के वक्त नशे में था। वारदात से कुछ घंटे पहले वह रेड लाइट एरिया में अपने दोस्त के साथ घूमने गया था।

अगर मामले की जांच पर नजर डालें तो CBI को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 4 अन्य डॉक्टर्स की पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दे दी है। सीबीआई ने घोष और 9 अगस्त को घटना के दिन ड्यूटी पर मौजूद रहे अन्य जूनियर डॉक्टर्स को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया, ताकि उनकी पॉलीग्राफ जांच कराने की अनुमति मांगी जा सके। लाई डिटेक्टर जांच केवल अदालत की अनुमति और संदिग्ध की सहमति के बाद ही की जा सकती है। सीबीआई की अर्जी को विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया। एजेंसी ने मुख्य आरोपी संजय रॉय की भी पॉलीग्राफ जांच कराने की अपील की है। मालूम हो कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली।

कोलकाता में इस बलात्कार और हत्या मामले के विरोध में गैर-आपातकालीन सेवाओं के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल शुकवार को 15वें दिन में प्रवेश कर गई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार और मंगलवार को हड़ताली डॉक्टरों से अनुरोध किया था कि वे अपना आंदोलन खत्म करें और ड्यूटी पर लौट आएं। हड़ताल से प्रभावित संकटग्रस्त अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई जांच की प्रगति जानने के लिए प्रतिनिधिमंडल लेकर सीबीआई कार्यालय जाएंगे। उन्होंने भविष्य की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए शनिवार को सम्मेलन भी बुलाया है।

कोलकाता की घटना के विरोध में 11 दिन से जारी हड़ताल को एससी की अपील पर समाप्त करने के बाद सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टर के शुक्रवार को काम पर लौट आए। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिली। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की ओर से संचालित प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स सहित अन्य चिकित्सक 12 अगस्त की शाम को हड़ताल पर चले गए थे। इसके कारण ओपीडी सहित गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद थीं। इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई और उनके उपचार में देरी हुई। मगर, हड़ताल समाप्त करने की गुरुवार शाम घोषणा किए जाने के बाद आज वे काम पर लौट आए हैं।