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प्रधानमंत्री मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में पोलैंड पहुंचे, इस दौरान कहा- समस्या का हल जंग नहीं

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में पोलैंड पहुंचे हैं। उन्होंने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने पोलैंड की धरती से कहा कि किसी भी समस्या का हल रणभूमि में नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति से हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा, “यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय हैं। भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। किसी भी संघर्ष में निर्दोष नागरिकों की जान जाना एक बड़ी चुनौती बन गया।” पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर बातचीत में हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि हम डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं। हम आतंकवाद के खिलाफ भी लड़ाई को जरूरी मानते हैं। यह वैश्विक चुनौती है, जिसके लिए सबको साथ आना होगा।

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी पोलैंड के बाद यूक्रेन का भी दौरा करेंगे। यूक्रेन की यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत अशांत क्षेत्र में शांति का समर्थन करता है और उन्होंने दोहराया कि यह युद्ध का युग नहीं है और किसी भी संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। पोलैंड की राजधानी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘दशकों तक भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाकर रखने की रही थी। हालांकि आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है।’’

उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच कहा, ‘‘भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है – यह युद्ध का युग नहीं है। यह उन चुनौतियों के खिलाफ एक साथ आने का समय है जो मानवता को खतरे में डालती हैं। इसलिए, भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है।’’ उनकी यह टिप्पणी कीव की यात्रा से पहले आई है। वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की यह पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि वह यूक्रेन के नेता के साथ, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार साझा करेंगे। मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है। मोदी की मॉस्को यात्रा की अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी।

मोदी ने कहा, ‘‘आज का भारत सभी से जुड़ना चाहता है। आज का भारत सभी के विकास की बात करता है। आज का भारत सभी के साथ है और सभी के हितों के बारे में सोचता है।’’ मोदी ने कहा कि अगर किसी देश पर संकट आता है तो भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में कहीं भी भूकंप या कोई आपदा आती है तो भारत का एक ही मंत्र है – मानवता सबसे पहले।’’