इलाहाबाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खटाखट वाले बयान को लेकर कांग्रेस के 99 सांसदों को अयोग्य घोषित करने, पार्टी का पंजीकरण रद्द करने और चुनाव चिह्न जब्त करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने याची के अधिवक्ता के अनुरोध पर याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया। इसके साथ ही याची को विस्तृत विवरण के साथ दोबारा याचिका करने की छूट दे दी। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता भारती देवी की याचिका में कहा गया था कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में गारंटी कार्ड जारी किया जिसमें गरीब, पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यकों को चुनाव के बाद 8500 रुपये प्रतिमाह देने का झूठा वादा कर वोट देने का लालच दिया गया। यह कार्य लोक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया था कि कांग्रेस पार्टी ने गारंटी कार्ड जारी किए, जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं। वादा पत्र के साथ एक रसीद लोगों को दी गई। ताकि लोगों को विश्वास हो जाए कि जिसके पास यह रसीद होगी, उन लोगों को कांग्रेस के पक्ष में वोट देने के बाद पार्टी की ओर से 8500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।
याची का कहना था कि इस संबंध में पूर्व में केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। चुनाव आयोग ने कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को एक एडवायजरी नोटिस गत दो मई को जारी किया लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने नोटिस के बाद भी गारंटी कार्ड वापस नहीं लिया।
कांग्रेस का यह कार्य जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। साथ ही बीएनएस के अंतर्गत भी अपराध है। कांग्रेस का यह कृत्य आदर्श चुनाव आचार संहिता का भी खुला उल्लंघन है। याची ने इस संबंध में चुनाव आयोग को प्रत्यावेदन दिया था। कोई कार्यवाही न होने पर यह जनहित याचिका दाखिल की गई थी।