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टाटा इंस्टीट्यूट ने प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम पर लगाया प्रतिबंध , लगाए ये गंभीर आरोप

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मुंबई

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) मुंबई ने सोमवार को वामपंथी छात्र संघ (SFI) से संबद्ध छात्र संगठन प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम (PSF) पर रोक लगा दी है. संस्थान का कहना है कि यह संगठन छात्रों को गुमराह और संस्थान को बदनाम कर रहा है. इस साल अप्रैल में संस्थान ने एक पीएचडी छात्र और PSF सदस्य को “बार-बार गलत आचरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों” के कारण दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था.

 इन छात्रों और शिक्षकों पर होगी कार्यवाही

आदेश के अनुसार, PSF (पाकिस्तान स्टूडेंट्स फेडरेशन) के सदस्यों को कैंपस में किसी भी कार्यक्रम का आयोजन या उसमें भाग लेने पर पाबंदी लगा दी गई है. इसके अलावा, चेतावनी दी गई है कि इस तरह के किसी भी प्रयास का तुरंत हस्तक्षेप किया जाएगा और इसके परिणाम भुगतने होंगे. छात्रों से कहा गया है कि वे PSF सदस्यों के साथ किसी भी तरह की मुठभेड़ की जानकारी कैंपस को तुरंत दें. आगाह करने वाले छात्रों की पहचान छुपा कर रखी जाएगी. इस आदेश में कहा गया है कि संस्थान एक सुरक्षित और सहयोगी माहौल बनाए रखेगा. अगर कोई छात्र या शिक्षक बुरा प्रचार करता है या विभाजनकारी विचारों को बढ़ावा देता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

PSF ने कॉलेज कैंपस में दिखाई थी BBC की डॉक्यूमेंट्री

पीएसएफ के सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर अभियान पर लगे प्रतिबंध को देखकर हैरानी जताई. इस अभियान का उद्देश्य चांसलर से संविदात्मक शिक्षकों की स्थिति और छात्रों के कार्यक्रमों पर लगे बैन के बारे में शिकायत करना था, एक पीएसएफ सदस्य ने कहा, "हम इस आदेश को चुनौती देंगे" पिछले 20 महीनों में, पीएसएफ कई विवादों में रहा है. जनवरी 2023 में, इसने कैंपस में बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री "भारत: द मोदी क्वेश्चन" दिखाई. मार्च 2023 में, पीएसएफ ने निदेशक के बंगले के बाहर विरोध किया, क्योंकि प्रशासन ने भगत सिंह मेमोरियल लेक्चर आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी.

CUET परीक्षा को लेकर नाराज थे PSF

नवंबर 2023 में, PSF ने TISS की प्रवेश प्रक्रिया में हुए बदलाव की आलोचना की थी कि अब प्रवेश परीक्षा की जगह CUET के आधार पर होंगे. PSF और TISS प्रशासन के बीच कई विवाद हैं, जैसे छात्रावास की कमी और फीस की समस्याएं. PSF उन छह छात्र संगठनों में था जिन्होंने अप्रैल 2024 में आदर्श आचार संहिता पर प्रशासन के आदेश के खिलाफ एक बयान जारी किया था. PSF पिछले दस साल से कैंपस में सक्रिय है और छात्र संघ चुनावों में हिस्सा लेता रहा है. इसके सदस्य विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं. हाल ही में, PSF ने 100 से ज्यादा शिक्षकों के अनुबंध खत्म करने की आलोचना की, और टीआईएसएस शिक्षक संघ ने इसे समर्थन दिया था.