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प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से फोन पर बात की, हिंदुओं की सुरक्षा का दिया भरोसा

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश सरकार की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से फोन पर बात की है। इस बातचीत में उन्होंने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। पीएम मोदी ने बांग्लादेश के लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील होने के लिए भारत के समर्थन को दोहराया है। इसके अलावा, प्रोफेसर यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षण का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार से बात कर सभी अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश के साथ अपने मजबूत संबंधों को और बेहतर करने के लिए तत्पर है।

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बांग्लादेश की सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने फोन किया था। मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा व सुरक्षा का आश्वासन दिया।’’

बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद आठ अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली थी। यूनुस के कार्यभार संभालने के बाद मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई थी कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में हालात जल्द ही सामान्य होंगे। उन्होंने कहा था कि 140 करोड़ भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है और वह बांग्लादेश की विकास यात्रा में उसका शुभचिंतक बना रहेगा।

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। हसीना नौकरियों में विवादित आरक्षण व्यवस्था को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देश छोड़कर पांच अगस्त को भारत आ गई थीं।

‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ नामक एक गैर-राजनीतिक हिन्दू संगठन ने दावा किया है कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से 48 जिलों में 278 स्थानों पर अल्पसंख्यक समुदाय को हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है। संगठन ने इसे ‘हिंदू धर्म पर हमला’ करार दिया है।