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जब हमारे हाथों में तिरंगा होता है तो मन आनंद से भरा होता है : श्रीमती कृष्णा गौर

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भोपाल

हम जानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस के दिन हमारे शूरवीरों के पराक्रम का हमारे बलिदानियों के बलिदान का और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष को याद करने का दिन है। इस दिन वीर सेनानियों को याद करे, स्मरण करें, जिन्होंने हमें आजादी दिलाई। यह बात गोविंदपुरा विधानसभा में तिरंगा यात्रा के समापन अवसर पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कही।

उन्होंने कहा कि बलिदानियों के उस खून की धारा को भी आज याद करें, क्योंकि अगर बलिदानियों ने अपना बलिदान ना दिया होता तो शायद आज हमें आजादी ना मिली होती और इसीलिए जो आजादी हमें मिली है, इसके बहुत बड़ी कीमत हमने चुकाई है। आज आजादी के साथ खुली हवा में हम सांस ले रहे हैं, हजारों लाखों हमारे भारत माता के वीर सपूतों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है तब जाकर आज हमें यह आजादी नसीब हुई है। आज हम गर्व के साथ कहते हैं कि हमारा भारत वर्ष स्वतंत्र भारत है, लेकिन हमको गर्व इस बात का भी होता है कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलिस्तां हमारा। श्रीमती गौर ने कहा कि वास्तव में यह पंक्तियां इस बात का प्रमाण है कि हमारे भारतवर्ष को पूरी दुनिया में एक नई पहचान देने का काम हुआ है हमारे भारतवर्ष की संस्कृति परंपराएं भाषा अनेक होने के बावजूद भी अनेकता में एकता, यही हमारे भारत की विशेषता है। हम गर्व के साथ कहते हैं कि भारत दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और ऐसे सर्वश्रेष्ठ भारतवर्ष में एक आदर्श नागरिक बनकर भारत माता की सेवा करने का सौभाग्य हमको मिला है।

मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्रकार से देश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं एक विकसित भारत बनाने का काम कर रहे हैं, वर्ष 2047 तक भारत न केवल विकसित भारत बनेगा बल्कि वह विश्व का नेतृत्व करने वाला भारत बनेगा। आज हमने तिरंगा यात्रा निकाली, तिरंगे की शान के लिए हमारे पुरखे और पूर्वजों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। इस तिरंगे की आन बान और शान को हम कभी कम नहीं होने देंगे। हम अपने-अपने घर पर तिरंगा जरूर लहराएंगे।