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भोपाल एम्स में डॉक्टरों की हड़ताल से और बिगड़ेंगे हालात, इमरजेंसी चालू रहेगी

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भोपाल

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद देशभर में डॉक्टर्स का विरोध शुरू हो गया है। भोपाल एम्स में भी रेसीडेंट डॉक्टर्स आज मंगलवार से हड़ताल पर ।हमीदिया अस्पताल में सोमवार को डॉक्टर्स ने काली पट्‌टी बांधकर काम किया। शाम 7 बजे कैंडल मार्च भी निकाला। बता दें कि घटना को लेकर देशभर के 3 लाख रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। एम्स दिल्ली समेत देशभर के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई हैं।

इस घटना का करेंगे विरोध

कोलकाता में अस्पताल के सेमिनार हॉल में जूनियर डॉक्टर का शव मिला था. रेप के बाद जूनियर डॉक्टर की आरोपी संजय ने हत्या की थी. आरोपी पर सख्त कार्रवाई के साथ डॉक्टर की सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की तैयारी भोपाल एम्स के डॉक्टर करेंगे. इसके खिलाफ अपना विरोध जताते हुए एमपी के कई जिलों में सोमवार को जूनियर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया.

इन मांगों को लेकर करेंगे प्रदर्शन

भोपाल एम्स के डॉक्टर मंगलवार को कई मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे और हड़ताल करेंगे. इस दिन एम्स में केवल इमरजेंसी सुविधाएं ही बहाल रहेंगे. डॉक्टरों का करना है कि उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार कोई ठोस कद

सुरक्षा की कर रहे मांग, जाने क्या थी पूरी घटन

कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद डॉक्टरों में खौफ का माहौल है। लिहाजा सुरक्षा की मांग और मृत पीड़िता को न्याय दिलाने को लेकर भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने भी कल हड़ताल में जाने का ऐलान कर दिया है। गौरतलब है कि कोलकाता के आरजी कर मेंडिकल कॉलेज में बीते दिनों ड्यूटी पर तैनात एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव संदिग्ध हालात में मिलने से हड़कंप मच गया था। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई है। मृतका का शव चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में बरामद हुआ था। वहीं गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए थे। इस घटना ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। वहीं इसे लेकर जगह जगह विरोध किया जा रहा है।

दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने रखी ये 6 डिमांड

1. मामले को बिना देरी किए तुरंत CBI के हवाले किया जाए.

2. प्रिंसिपल के साथ-साथ MS और अल्पताल के सिक्योरिटी इंचार्ज का तुरंत इस्तीफा लिया जाए.

3. केंद्र सरकार से लिखित में यह आश्वसन मिले कि डॉक्टरों के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाएगा.

4. मृतक डॉक्टर के नाम पर किसी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग या लाइब्रेरी का नाम किया जाए.

5. डॉक्टर के परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए.

6. शारीरिक हमले के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करे.

सेमिनार हॉल में मिली थी लाश

दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था. इसके बाद से ही डॉक्टर मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के साथ 8 अगस्त की रात कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. अधिकारियों ने चेस्ट मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में द्वितीय वर्ष की छात्रा का अर्धनग्न शव बरामद किया था, जिस पर कई चोटों के निशान थे.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा

हाल ही में इस मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जिसे पुलिस ने पीड़िता के परिवार को सौंपा है. इस रिपोर्ट में हत्या से पहले की प्रकृति और सेक्सुअल पेनेट्रेशन की बात की कही गई है. बताया गया है कि पीड़िता की हत्या गला घोंटकर हुई थी. उससे पहले उसके साथ बलात्कार हुआ था. आरोपी ने दो बार उसका गला घोंटा था. उसकी मौत सुबह 3 से 5 बजे के बीच हुई थी.

शराब पीकर अश्लील फिल्में देखने का आदी

आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. वहीं, पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी संजय रॉय शराब पीते हुए अश्लील फिल्में देखने का आदी था. वारदात वाली रात वो अस्पताल के अंदर कई बार आया गया. आरोपी से पूछताछ, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई सनसनीखेज बातें सामने आई हैं. पुलिस पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज के जरिए इस पूरे मामले की टाइमलाइन सामने आई है.

IMA ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखा पत्र

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत की घटना के संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है. IMA ने मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. साथ ही, एसोसिएशन ने उन परिस्थितियों की विस्तृत जांच की मांग की है, जिनके कारण ऐसा अपराध हुआ. IMA ने तत्काल सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए यह अनुरोध किया कि कार्यस्थल पर डॉक्टरों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं.