जयपुर.
ऑल कोचिंग इंस्टीट्यूट महासंघ ने गोपालपुरा के कुछ कोचिंग संचालकों के साथ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत बताते हुए कोचिंग हब प्रोजेक्ट को फेल करने का आरोप लगाया है। महासंघ ने कहा कि पिछली सरकार में उच्च न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर ,नगर निगम कमिश्नर, यातायात कमिश्नर, जयपुर विकास प्राधिकरण कमिश्नर, फायर कमिश्नर तथा यूडीएच के अन्य अधिकारियों को सख्ती से अवैध कोचिंग संस्थानों को सीज करने की दिशा में नोटिस जारी किए थे।
इस पर उक्त अधिकारियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर कहा था कि जयपुर में कोचिंग संस्थानों के लिए सुरक्षित रूप से विस्तृत रूपरेखा बनाते हुए प्रताप नगर में कोचिंग हब बनाया जा रहा है, जिसके पूर्ण होने पर गोपालपुरा कोचिंग संस्थानों को वहां पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं अन्य शहर में भी इसी प्रकार के कोचिंग हब बनाए जाएंगे ताकि कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बेरोजगार छात्रों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जा सके लेकिन कोचिंग हब के प्रोजेक्ट को फेल करने के लिए कुछ लोगों ने प्रशासन के साथ मिलकर इसकी दर को इतना अधिक रखा कि कोई खरीद ही नहीं पाया।
इतना ही नहीं जिन लोगों ने यहां पर जगह खरीदी, वे शहर के अन्य कोचिंग संस्थानों के कोचिंग हब में शिफ्ट नहीं होने के कारण अपना पैसा वापस निकाल ले गए। कोचिंग हब के प्रणेता तथा ऑल कोचिंग इंस्टीट्यूट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनीष कुमार ने प्रशासन के अधिकारियों को चेताते हुए कहा है कि अगर कोचिंग हब को फेल करने वाले लोगों के साथ मिलीभगत कर किसी अन्य प्रयोजन के लिए कोचिंग हब को दिया जाता है तो कोचिंग महासंघ इन अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में अवमानना की कार्रवाई करेगा। वहीं, अगर दरें कम की जाती हैं और किराए से या लीज से देने की व्यवस्था भी की जाती है तो सभी कोचिंग संस्थान एक साथ कोचिंग हब में जाने के लिए तैयार हैं। अनीष कुमार ने प्रशासन द्वारा छात्रों को उचित फीस पर कोचिंग हब जैसा सुरक्षित माहौल उपलब्ध नहीं कराने पर आमरण अनशन की घोषणा की है।