भोपाल
प्रदेश में नए लोकायुक्त की तलाश में सरकार जुट गई हैं। इस साल अक्टूबर में जस्टिस एनके गुप्ता का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनके कार्यकाल जिस वक्त पूरा हो रहा है, उस महीने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में नए लोकायुक्त को लेकर सरकार सितंबर में फैसला ले सकती है, लेकिन इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की भूमिका भी खासी अहम होगी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कुछ जस्टिस को लेकर मंथन चल रहा है, लेकिन अब तक किसी को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो सका।
जस्टिस एनके गुप्ता अक्टूबर 2017 में लोकायुक्त बने थे, प्रदेश में लोकायुक्त का कार्यकाल 6 साल का है। अब अक्टूबर में नए लोकायुक्त को पदस्थ किया जाना है। लोकायुक्त की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। नेता प्रतिपक्ष की सहमति के बाद ही नए लोकायुक्त का चयन हो सकता है।
प्रदेश में लोकायुक्त का कार्यकाल पहले पांच साल का होता था, लेकिन सरकार ने बाद में इस नियम में संशोधन कर कार्यकाल 6 साल का कर दिया था। वहीं पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस या हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे चुके जज को ही लोकायुक्त बनाया जाता था, लेकिन इसमें भी संशोधन कर हाई कोर्ट के जज को लोकायुक्त बनाया जा सकता है।