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राजस्थान-जयपुर में विहिप ने बांग्लादेश मुद्दे पर कहा, आंबेडकर नहीं चाहते थे कि मुसलमान भारत में रहें

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जयपुर.

बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के नाम से जाने कितने लोग रोटी सेंककर अपनी राजनीति चला रहे हैं पर डॉ. अम्बेडकर का दुर्भाग्य है कि उन्हें पसंद करने वाले लोग भी आधा पसंद करते हैं और विरोध करने वाले भी उन्हें पूरा नहीं जानते।

उपाध्याय ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद का मत है डॉ. भीमराव अंबेडकर देश के महापुरुष थे, अगर वे ना होते तो छुआछूत समाज की नजर में नहीं आती। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की किताब है पाकिस्तान और पार्टीशन ऑफ इंडिया उसके पेज नंबर 232 पर लिखा है कि मुसलमान भारत में कभी हिंदुओं की सरकार कबूल नहीं करेगा, पेज नंबर 123 पर उन्होंने लिखा है कि विभाजन के बाद मुसलमान को भारत में नहीं रहना चाहिए, मुसलमान कभी देशभक्त नहीं हो सकता क्यों क्योंकि कानून और संविधान से ऊपर वे अपने शरिया के कानून को मानते हैं, इसलिए देश और सीमा उनके लिए मायने नहीं रखती है। सुरेश उपाध्याय ने आगे कहा इसलिए जब फिलिस्तीन में दंगा होता है तो यहां उनकी चिंता की जाती है। हमारे देश का एक सांसद लोकसभा में फिलीस्तीन के नारे लगाता है, यह सिर्फ भारत में ही होता है। बांग्लादेश में इतने हिंदुओं की दुकानें जली हैं, उस पर आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। सुरेश उपाध्याय ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद का काम हिंदू समाज को जागृत करने का है और हम अपना काम कर रहे हैं। 1947 में जब बंटवारा हुआ था, हम तब भी 85 परसेंट थे और आज भी 85 परसेंट ही हैं। उस वक्त विभाजन के लिए पूरे देश में दंगा हुआ, दुकानें जलीं पर अफसोस की बात है कि विभाजन के विरोध में एक भी दुकान नहीं जली। हिंदू समाज ने 85% होने के बाद भी विरोध नहीं किया। सुरेश उपाध्याय ने कहा कि आंख बंद कर लेने से मुसीबत टल नहीं जाती, हिंदू समाज को जागृत होने की आवश्यकता है।