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अमित शाह के पी यादव से किया वादा राज्यसभा चुनाव में निभाएंगे ? क्या होगा यादव का राजनीतिक भविष्य?

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गुना

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya sindhiya) के राज्यसभा (Rajyasabha) से इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई थी. जिस पर अब निर्वाचन आयोग (election commission of india) जल्द ही चुनाव कराने वाला है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सवाल उठ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) मध्य प्रदेश के कोटे से किसे राज्यसभा भेजती है. इस रेस में कई सारे नाम इस समय चल रहे हैं. लेकिन, दांव किस नाम पर लगेगा? ये बड़ा सवाल है. आइये इस सवाल को समझने की कोशिश करते हैं.

आपको बता दें लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा सीट (Guna Loksabha) से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya sindhiya0 को टिकिट दिया गया था. इस सीट से प्रचंड जीत के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिली. जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. जिस सीट से सिंधिया राज्यसभा सांसद थे. उस सीट का कार्यकाल ढेड़ साल से भी अधिक का बचा हुआ है. ऐसे में इस सीट पर एक बार फिर चुनाव होने वाले हैं. अंक गणित में बीजेपी मजबूत है तो साफ तौर पर ये सीट एक बार फिर बीजेपी के पाले में जाएगी.

बीजेपी किसे बनाएगी अपना प्रत्याशी?

खाली हुई राज्यसभा सीट पर प्रदेश के कई दावेदार नजर आ रहे हैं. कई नाम काफी तेजी से चर्चा में हैं. लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा मजबूती से केपी यादव (KP YADAV) का नाम सामने आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने गुना लोकसभा सीट से प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, "गुना वालों को दो नेता मिलेंगे" "एक ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे केपी यादव, केपी की चिंता आप मुझ पर छोड़ दो" "अब केपी यादव को आगे बढ़ाने का काम हमारा है"  

26 अप्रैल को गुना में एक चुनाव प्रचार रैली को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकेत दिया था कि केपी सिंह यादव के 'राजनीतिक भविष्य' के बारे में किसी को चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है। शाह ने कहा कि बीजेपी यादव को बड़ी जिम्मेदारी देगी। केंद्रीय गृह मंत्री शाह का वादा राजनीतिक हलकों में कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि शायद सिंधिया और यादव के बीच साफ-सुथरी अदला-बदली होगी। सिंधिया लोकसभा में जाएंगे, जबकि यादव राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री का स्थान लेंगे।

हालांकि, मध्य प्रदेश में बीजेपी के दावेदारों के लिए एक बड़ी बाधा है। हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, राज्य के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'मध्य प्रदेश में 163 विधायकों के साथ हमारी सरकार है, राज्य के सभी 29 लोकसभा सांसद भाजपा से हैं और यहां से पांच केंद्रीय मंत्री हैं। तमिलनाडु, तेलंगाना जैसे ऐसे राज्य हैं जहां हमारा प्रतिनिधित्व बहुत कम है। साथ ही, हमारे स्मृति ईरानी और अर्जुन मुंडा जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्री भी हैं जो हार गए। अभी यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह किसे राज्यसभा भेजा जाएगा। संभावना यह है कि इस सीट का इस्तेमाल उस राज्य को प्रतिनिधित्व देने के लिए किया जा सकता है जहां भाजपा के पास ज्यादा सांसद नहीं हैं।'

राज्यसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही मध्यप्रदेश में इस बात की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट पर आखिर कौन से नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा? मध्य प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा में सदस्य संख्या के हिसाब से देखा जाए तो खाली होने वाली राज्यसभा की सीट फिर भाजपा के खाते में जाना तय मानी जा रही है।
सिंधिया की जगह कौन जाएगा राज्यसभा ?

 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा में रिक्त हुई सीट पर आखिर कौन राज्यसभा जाएगा ये सवाल अब मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में तेजी से उठ रहा है। कुछ दिग्गज नेताओं के नाम की सुगबुगाहट भी चल रही है तो चलिए आपको बताते हैं उन दिग्गज नेताओं के बारे में जिनके नाम की चर्चाएं जोरों पर हैं।

केपी यादव– सबसे पहला नाम केपी यादव का है। गुना-शिवपुरी सीट पर ज्योतरादित्य सिंधिया को चुनाव हराने वाले केपी यादव को 2024 के लोकसभा चुनावों ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अपनी सीट खाली करनी पड़ी थी। लोकसभा चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह ने गुना की जनसभा में केपी समर्थकों से निराश न होने की अपील करते हुए उनके नेता को उपयुक्त जिम्मेदारी देने का वादा किया था। ऐसे में उम्मीद है कि राज्यसभा का उपचुनाव शाह के वादे को पूरा करने का उपयुक्त समय साबित होगा।

नरोत्तम मिश्रा– मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी इस सीट के लिए चर्चाओं में है। विगत विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लाखों नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा को भी पार्टी हाईकमान बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है।

जयभान सिंह पवैया- भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान पवैया का नाम भी उन नेताओं में शामिल बताया जा रहा है जो कि राज्यसभा जा सकते हैं। हिंदुत्ववादी चेहरे क तौर पर पवैया संघ के करीबी भी हैं।

सुरेश पचौरी– लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी के नाम की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारों में उठ रही हैं।

ये राज्यसभा सदस्य चुनकर पहुंचे लोकसभा

राज्यसभा की जिन 12 सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है बता दें कि उनमें से 10 सीटें तो राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण खाली हुई हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (महाराष्ट्र), दीपेंद्र सिंह हुडा (हरियाणा), ज्योतिरादित्य सिंधिया (मध्य प्रदेश), कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल (राजस्थान), राजद की मीसा भारती (बिहार), भाजपा के नवादा से सांसद विवेक ठाकुर (बिहार), असम से कामाख्या प्रसाद तासा और सर्बानंद सोनोवाल हैं। इनके अलावा त्रिपुरा से बिप्लब कुमार देब भी लोकसभा चुनाव जीतने वालों में शामिल हैं। इनके इस्तीफे से ये सीटें खाली हुई हैं।इनके अलावा बीआरएस सांसद के.केशव राव ने 5 जुलाई को और बीजेडी सांसद ममता मोहंता ने 31 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।