प्रयागराज
क्या असद और गुलाम गुड्डू मुस्लिम की मुखबिरी पर मारे गए? आखिर मारे जाने से पहले अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम का नाम लेकर कौन सा राजफाश करने की कोशिश की थी? अतीक और अशरफ की हत्या के बाद ऐसे कई राज हमेशा के लिए दफन हो गए और कई सवाल उलझ गए हैं। इन दोनों की हत्या का राज अभी तक बाहर नहीं आया है।
उस साजिशकर्ता का भी पता नहीं चला जिसने दोनों भाइयों की भाड़े के शूटरों से हत्या कराई। अतीक और अशरफ की हत्या से पूर्व कुछ बड़ा खुलासा होने वाला था लेकिन उसके पहले ही दोनों भाइयों की हत्या कर दी गई। कॉल्विन अस्पताल पहुंचते ही गुड्डू मुस्लिम के बारे में अशरफ मीडिया को कुछ बताने वाला था। अशरफ ने जैसे ही कहा, मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…और गोलियां बरसा दी गईं।
उमेश पाल हत्याकांड में फरार पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम ही वह शख्स है जिसने पुराने अंदाज में वहां पर बमबाजी की थी। अभी तक फरार गुड्डू के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन हत्या से ठीक पहले अशरफ गुड्डू के बारे में कुछ कहने जा रहा था। उसके बोलने से पहले असद की जनाजे में न पहुंच पाने के सवाल पर अतीक ने बोला था, नहीं ले गए तो नहीं गए। तभी अशरफ ने खुलासा करना चाहा। वह शायद असद के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर कुछ बोलने जा रहा था लेकिन उसकी बात अधूरी रह गई। अब कयास लगाया जा रहा है कि इस हत्याकांड के तार गुड्डू मुस्लिम से जुड़े हैं।
लोगों के दो तर्क हैं। पहला गुड्डू मुस्लिम पुलिस या एसटीएफ के संपर्क में है। अब वह पुलिस के लिए मुखबिर बन गया है। उसी की मुखबिरी के कारण ही अतीक का बेटा असद झांसी में हुए मुठभेड़ में मारा गया। अतीक गैंग के ही किसी सदस्य ने मुखबिरी की थी। नहीं तो पुलिस के लिए असद को पकड़ना संभव नहीं था।
यह मुखबिरी गुड्डू मुस्लिम ने तो नहीं की है। इसका अभी कोई प्रमाण नहीं है। लोगों का दूसरा तर्क ये है कि गुड्डू मुस्लिम किसी गैंग से मिलकर अतीक के साम्राज्य पर राज करना चाह रहा है। उसी ने अतीक अहमद और अशरफ को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची थी। बिना किसी भेदिये के अतीक और अशरफ का इतनी आसानी से सफाया नहीं हो सकता। अब तक गुड्डू के सामने आने पर ही इन सवालों का जवाब मिलेगा।