भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में दो फिजिक्स और जूलॉजी विभाग को वर्तमान सत्र में कई विद्यार्थियों ने अपने प्रवेश निरस्त कराते हुए टीसी निकवा ली है। इसकी वजह सिर्फ एक ही है कि प्रोफेसरों ने कक्षाओं से दूरियां बना ली हैं। विद्यार्थी कक्षाओं में आते जरूर हैं, लेकिन प्रोफेसर बैठकों और प्रशासनिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। इससे विद्यार्थी कक्षाओं में कम और पार्क में ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। बीयू में फिजिक्स और जूलॉजी विभाग को एक्सीलेंस विभाग बनाया गया है।
इसके लिए शासन और यूजीसी से करोड़ों रुपए की ग्रंट मिली हुई है। ये करोड़ों रुपए की ग्रांट विद्यार्थियों के काम नहीं आ रही है। इसके चलते विद्यार्थियों ने प्रवेश निरस्त करा लिए हैं। क्योंकि प्रोफेसर विद्यार्थियों को पढ़ाने की वजय बीयू के प्रशासनिक भवन की बैठक में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। इसके चलते विद्यार्थियों ने एक-एक कर अपनी टीसी निकलवाना उचित समझा है। यही कारण कि फिजिक्स विभाग में विद्यार्थियों की संख्या 18 से घटकर आठ रह गई है। इसी तरह जूलॉजी में सिर्फ 5 विद्यार्थी ही अध्ययनरत हैं।
एक्सीलेंस विभागों की दशा
फिजिक्स डिपार्टमेंट
फिजिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष साधना सिंह हैं। विभाग की की रिसर्च लैब बंद पड़ी हुई हैं। लैब के उपकरण को चलाने वाला कोई नहीं है। यूजीसी और डीएससी के अलावा अन्य एजेंसी से बीयू को छह करोड़ रुपए का अनुदान मिला है, जिसका उपयोग अभी तक नहीं हो सका है। इसके बाद भी एचओडी सिंह विद्यार्थियों को कक्षाओं में बांधकर नहीं रख सकीं। नियमित फैकल्टी नहीं होने के कारण बीयू ने गेस्ट फैकल्टी खानापूर्ति करने में लगा हुआ है।
जूलॉजी डिपार्टमेंट
जूलॉजी विभाग के एचओडी विनीषा सिंह है। विभाग को एक्सीलेंस बनाए रखने के लिए रुसा से हाल तैयार कराने के लिए चालीस लाख रुपए मिले हुए थे। विद्यार्थियों की संख्या नहीं होने के बाद भी एक हाल तैयार कराया गया है। वहीं विभाग को एक्सीलेंस बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक और मप्र शासन ने करीब चार करोड़ का अनुदान दिया है, जिसका कोई उपयोग नहीं किया गया।