Home व्यापार अमेरिका में संभावित मंदी की आशंका के कारण भारतीय शेयर बाजार में...

अमेरिका में संभावित मंदी की आशंका के कारण भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप, क्रैश हुआ शेयर बाजार

27

नई दिल्ली
अमेरिका में संभावित मंदी की आशंका के कारण भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप सा मच गया है। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 2600 अंक से अधिक टूट गया तो निफ्टी भी 24000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। बता दें कि आज सेंसेक्स 2222.55 अंक यानी 2.74% टूटकर 78,759.40 पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 662.10 अंक यानी 2.68% लुढ़क कर 24,055.60 पर बंद हुआ है। इस बड़ी गिरावट की वजह से निवेशकों को करीब 17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

2686 अंक तक टूट गया था सेंसेक्स
सोमवार को ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 2686 अंक टूटकर 78295 अंक के निचले स्तर तक आ गया था। वहीं, निफ्टी की बात करें तो यह 824 अंक गिरकर 26 जून के बाद पहली बार 24,000 से नीचे आ गया। यह 4 जून के बाद की सबसे बड़ी इंट्रा-डे गिरावट है। बता दें कि 4 जून को लोकसभा नतीजे के बाद शेयर बाजार क्रैश हो गए थे। दरअसल, चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों से कम रहे। यही वजह है कि बाजार में हाहाकार मचा था। अब शेयर बाजार में 5 अगस्त को इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई, ये समझ लेते हैं।

अमेरिका में मंदी का डर
दरअसल, अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों के बीच एक बार फिर मंदी की चर्चा को तेज कर दी है। आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में नौकरी की वृद्धि उम्मीद से अधिक सुस्त हो गई है। श्रम विभाग ने बताया कि पिछले महीने नॉन-एग्री पेरोल में केवल 1,14,000 नौकरियों की वृद्धि हुई, जो अपेक्षित 1,75,000 से कम है। वहीं, बेरोजगारी दर भी बढ़कर 4.3% हो गई, यह तीन साल के उच्चतम स्तर के करीब है। जापान की करेंसी येन के मजबूत होने से येन कैरी ट्रेड में निवेशक अपनी पोजीशन को कम करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, बैंक ऑफ जापान (बीओजे) द्वारा ब्याज दरों को 0.25% तक बढ़ाने और बांड खरीद कम करने के बाद येन में तेजी आई। ऐसे में निवेशक घाटे से बचने के लिए अपनी स्थिति को कम करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जापान में चल रही गतिविधि का सीधा असर भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों पर पड़ सकता है। बता दें कि जापान में कर्ज पर शून्य ब्याज दर चलती रही है, उसका भारत बड़ा लाभार्थी है। इस बीच, जापान का निक्केई 13% की भारी गिरावट के साथ सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जो 2011 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से नहीं देखा गया है।

जियो पॉलिटिक्स
ईरान और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों की ओर से इजराइल पर संभावित हमलों को लेकर चिंताएं बढ़ने से भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार की धारणा पर असर डाला। बता दें कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जी7 समकक्षों को चेतावनी दी है कि इजरायल के खिलाफ ईरान और हिजबुल्लाह का हमला कभी शुरू हो सकता है।

मुनाफावसूली
शेयर बाजार में ओवरवैल्यूएशन है और तमाम एक्सपर्ट बड़े करेक्शन की बात कहते आ रहे हैं। सोमवार की गिरावट को करेक्शन की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। रक्षा और रेलवे जैसे बाजार के ओवरवैल्यूड सेगमेंट पर दबाव आने की संभावना है।

जून तिमाही के नतीजे
बता दें कि कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं हैं। नतीजों के सीजन ने अब तक बाजार को आगे ले जाने के लिए कोई बड़ा सकारात्मक ट्रिगर नहीं दिया है।

VIX इंडेक्स 52 फीसदी उछला
बाजार में मचे हाहाकार के बीच इंडिया VIX या इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स 52% उछल गया। यह साल 2015 के बाद से सबसे बड़ा उछाल है। यह जितना ज्यादा होता है, निफ्टी में उतनी बड़ी गिरावट की आशंका जाहिर की जाती है। इससे पता चलता है कि NSE इंडेक्स में अगले तीस दिनों में ट्रेडर कितनी वोलैटिलिटी की उम्मीद करते हैं।