खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना पर दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
भोपाल
मिलेट मिशन के तहत दो मिलेट प्रोसेसिंग उद्योग जावद कृषि उपज मंडी परिसर में स्थापित किए जायेंगे जिससे प्रेरणा लेकर सैकड़ों किसान भी खाद्य प्र-संस्करण उद्योग लगाएं। एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सोमवार को जावद में खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला एवं उन्नत कृषकों की संगोष्ठी के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस मौके पर सांसद सुधीर गुप्ता, सीएफटीआरआई मैसूर की संचालक डॉ. श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिह एंव वैज्ञानिकों का दल, ईएण्डवाय के प्रतिनिधि सुनील कुमार सांई अन्य जन-प्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक एंव विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा बडी संख्या में किसान उपस्थित थे।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण उद्योग स्थापित कर, किसान अपनी आमदनी चार गुना तक बढा सकते हैं। उन्होंने किसानों का आहवान किया कि वे कृषि वैज्ञानिकों ईएण्डवाय के प्रतिनिधियों, सीएफटीआरआई के वैज्ञानिकों से निरंतर संवाद कर, फूड प्रोसेंसिंग यूनिट स्थापित करने के संबंध में जानकारी हासिल करें। उन्होंने कहा कि कलस्टर में छोट-छोटे कृषि आधारित खाद्य प्र-संस्करण उद्योग स्थापित कर, अपनी कृषि आय को बढ़ाएं। एमएसएमई विभाग के ईएण्डवाय प्रतिनिधि सुनील कुमार सांई ने खाद्य प्र-संस्करण उद्योग स्थापना के लिए लगने वाली मशीनरी, आवश्यक लायसेंस, लागत, कच्चे माल की उपलब्धता, मार्केटिंग, पैकेजिंगआदि के बारे में विस्तार से बताया। उदयपुर से आये प्रकाश सारस्वत ने कांट्रेक्ट फार्मिंग, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, हर्बल आधारित उद्योग की स्थापना, मिलेट के खाद्य प्र-संस्करण उद्योग की स्थापना आदि के बारे विस्तार से बताया।
सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा, कि क्षेत्र का किसान, समृद्ध, प्रगतिशील और नई तकनीक, नई खेती को अपनाने वाला किसान है। क्षेत्र के किसान कृषि में नये-नये प्रयोग करते रहते हैं। समय के साथ किसानों को खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए आगे आना होगा। फूड प्रोसेसिंग कर किसान बन्धु अपने उत्पाद से अच्छा लाभ अर्जित कर सकते है। उन्होने क्षेत्र के किसानों से मिलेट के उत्पादन के लिए आगे आने का आहवान भी किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सीएफटीआरआई मैसूर की संचालक डॉ. श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह ने खाद्य प्र-संस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए तकनीकी, डेवलपमेंट, स्किल्ड डेवलपमेंट, आवश्यक मशीनरी की उपलब्धता के कार्य में हर सम्भव सहयोग करने का विश्वास दिलाया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रकार के 100 से अधिक खाद्य प्र-संस्करण, उद्योगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।