अजमेर.
भारत से बाहर नौकरी करने की चाह रखने वाले युवा लगातार धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी बेरोजगार हैं और विदेश में नौकरी की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि एजेंट के द्वारा आपको विदेश तो भेज दिया जाता है। लेकिन उसके बाद वहां तमाम तरह की परेशानियां होती हैं और अपने मुल्क में आने के लिए जद्दोजहज करनी पड़ती है।
विदेश में नौकरी कर अच्छा मुनाफा कमाने के लालच में अजमेर जिले के युवा लगातार धोखा खा रहे हैं। एक ऐसा ही मामला अजमेर के अजय नगर में रहने वाले राजू भक्तानी के बेटे लक्ष्य भक्तानी के साथ हुआ। तीस हजार रुपये प्रतिमाह और रहना खाना फ्री बताकर वेस्ट अफ्रीका के कांगो के ब्राजा शहर में रीव्स वॉयाज ट्रैवल एजेंसी में टिकट बनाने की पोस्ट पर काम करने के लिए 13 जनवरी 2024 को अजमेर से एजेंट के जरिए वेस्ट अफ्रीका गया। पीड़ित लक्ष्य ने कंपनी के मालिक से दो महीने की सैलरी मांगी तो उसने देने से मना कर दिया। कंपनी के मैनेजर द्वारा उसे प्रताड़ित कर झूठे मुकदमे में कम्पनी के मालिक ईस्ट मुंबई निवासी अविनाश ओमप्रकाश हिंगोरानी ने अफ्रीका की जेल मे डलवा दिया।
जेल में होने की खबर सुनी तो परिजन का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
अजय नगर निवासी लक्ष्य भक्तानी के पिता राजू भक्तानी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे लक्ष्य की जान पहचान पड़ोस में रहने वाले नीरज ज्ञानानी से हुई। नीरज इस कंपनी में मैनेजर के पद पर जॉब कर रहा है। नीरज ने लक्ष्य को कंपनी में अच्छी पोस्ट पर जॉब दिलाने के लिए ईस्ट अफ्रीका बुला लिया। लक्ष्य के परिजनों ने भी बेटे को कई महंगे सामान के साथ दिल्ली की फ्लाइट से 13 जनवरी 2024 को ईस्ट अफ्रीका भेज दिया। दो महीने तक तो सब कुछ सही चलता रहा, दो महीने होते ही कंपनी के मालिक अविनाश ने लक्ष्य को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उसके द्वारा कमाई गई सैलरी भी उसे नहीं दी और झूठे मुकदमे में 10 दिन के लिए अफ्रीका की जेल में डलवा दिया। बेटे को जेल में होने की सूचना जब अजमेर में परिजनों को मिली, उसके बाद लक्ष्य के माता-पिता दादा दादी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
स्थानीय विधायक अनीता भदेल, सीएमओ और भारतीय दूतावास बने मददगार
अपने बच्चे के जेल में होने की सूचना पर लक्ष्य के पिता राजू भक्तानी ने अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल से संपर्क किया और विधायक से बच्चे को सकुशल भारत लाने की गुहार लगाई। विधायक अनीता भदेल ने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत सीएमओ और भारतीय दूतावास से इस मामले में संज्ञान लेकर बच्चे की मदद करने और जेल से रिहा कराने की बात कही। विधायक द्वारा भारतीय दूतावास को इस विषय में जानकारी दी गई।
उसके बाद कांगो ब्राजा विल की एंबेसी से भारतीय दूतावास के स्टॉफ ने बात की। जांच में कंपनी के मालिक अविनाश और स्थानीय पुलिस की मिली भगत सामने आई, जिस पर स्थानीय पुलिस ने भारतीय दूतावास के दबाव के बाद लक्ष्य को जेल से रिहा कर दिया। जानकारी लेने पर पता चला कि कंपनी के मालिक अविनाश के द्वारा पूर्व में भी करीब 14 व्यक्तियों के साथ इस तरीके से झूठे मुकदमे में फंसाने की बात सामने आई है।
जेल में पिलाया गया टॉयलेट का पानी
पीड़ित लक्ष्य भक्तानी ने अजमेर आने पर बताया कि उसे बंधक बनाने के दौरान टॉयलेट का पानी पिलाया गया और एक ब्रेड की स्लाइस खाने के लिए दी जाती थी, जिसका उसे भुगतान करना पड़ता था। जब कंपनी के मालिक ने लक्ष्य को झूठे आरोप में जेल भिजवा दिया तो जेल से रिहा होने के लिए लक्ष्य के पिता राजू भक्तानी ने करीब डेढ़ लाख रुपये स्थानीय वकील को भी दिए। जेल में रहने के दौरान 60 हजार रुपये भी लक्ष्य के खर्च हुए। लक्ष्य भक्तानी ने बताया कि उसको 10 दिनों तक जेल में रखा गया, जहां पर एक बड़े हॉल में करीब 600 लोग रह रहे थे। जो वहां के अपराधी थे तो कुछ भारत से नौकरी करने गए युवा थे।
घर पहुंचने पर छलके आंसू
पिछले छह महीने से अपने बच्चे से दूर रहे लक्ष्य के माता-पिता को जब उसके भारत आने का समाचार मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। घर पहुंचने पर लक्ष्य के माता-पिता ने उसको मिठाई खिलाई और अपने बेटे को गले लगाया। अपने बेटे को सामने देख लक्ष्य के माता-पिता सहित उसके दादा-दादी की आंखों से आंसू छलक उठे।