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प्रदेश के बेसिक शिक्षक वर्षों से प्रमोशन का इंतजार में

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लखनऊ

प्रदेश के बेसिक शिक्षक वर्षों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। करीब डेढ़ साल पहले प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की लेकिन उसके बाद भी तारीख पर तारीख मिल रही हैं। डेढ़ साल में विभाग अभी तक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी नहीं कर सका है। बेसिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में एक बार फिर 27 जुलाई तक सभी बीएसए से वरिष्ठता सूची मांगी थी लेकिन अभी किसी जिले ने जारी नहीं की।

बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन पहले जिला स्तर पर होते थे। कई जिले तो ऐसे हैं जहां 15-16 साल से प्रमोशन ही नहीं हुए हैं। लखनऊ में ही 2008 के बाद से प्रमोशन नहीं हुए। जिला स्तर पर 2016 तक प्रमोशन हुए। उसके बाद किसी जिले में प्रमोशन ही नहीं हुए। उसके बाद 2018 में प्रदेश भर में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन जूनियर टीईटी को लेकर पेंच फंस गया।

प्राइमरी के सहायक अध्यापक का प्रमोशन प्राइमरी के हेड या फिर जूनियर के सहायक अध्यापक के पद पर होता है। इसी तरह प्राइमरी के हेड का प्रमोशन जूनियर के हेड पर होगा। प्राइमरी से जूनियर में जाने के लिए आरटीई के तहत अलग से जूनियर टीईटी जरूरी है। आरटीई लागू होने के बाद कुछ शिक्षकों ने तो टीईटी पूरी कर ली है। वहीं कुछ ने नहीं की है। इसी को लेकर मामला कोर्ट में पहुंच गया था। इससे प्रमोशन नहीं हो सके थे।

डेढ़ साल में कई बार रिमाइंडर
अब डेढ़ साल पहले फिर प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हुई। जिलों को कहा गया कि वे वरिष्ठता सूची तैयार करें। उसके बाद उन पर आपत्तियां मांगी जाएं और फिर अंतिम सूची जारी की जाए। इसके लिए तारीखें भी जारी की गईं। वे तारीखें निकल गईं। डेढ़ साल में कई बार बेसिक शिक्षा परिषद ने जिलों को यह प्रक्रिया पूरी करने का रिमाइंडर दिया। फिर भी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। अब एक बार फिर से परिषद ने 24 जुलाई को सभी बीएसए को पत्र जारी किया था। इसमें लिखा था- उम्मीद है कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई होगी। अब 27 जुलाई तक सभी बीएसए अंतिम वरिष्ठता सूची भेज दें।

कहां फंस रहा पेच?
खुद परिषद ने यह साफ नहीं किया है कि प्रमोशन के लिए जूनियर टीईटी जरूरी है या नहीं? इसको लेकर बीएसए भी भ्रमित हैं। पिछले साल जब प्रक्रिया शुरू की गई थी तो बीएसए ने अलग-अलग मानकों पर सूची तैयार करनी शुरू कर दी थीं। यह स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं की गई। जब प्रमोशन प्रक्रिया शुरू की गई तो उसी के साथ अंतरजनपदीय म्यूचुअल तबादले की प्रक्रिया भी साथ में शुरू की गई थी। ये तबादले हो चुके हैं। इस तरह शिक्षकों की वरिष्ठता फिर बदल गई। ऐसे में अंतिम सूची जारी करने से पहले एक अनंतिम सूची जारी करनी होगी और उस पर आपत्तियां मांगनी होंगी। अब 27 जुलाई को भी किसी बीएसए ने वरिष्ठता सूची सार्वजनिक तौर पर जारी नहीं की।