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पेरिस ओलंपिक : पदक की ओर लक्ष्य, सेमीफाइनल में पहुंचकर रचा इतिहास

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पेरिस
लक्ष्य सेन ने एक गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए चीनी ताइपै के चोउ तियेन चेन को रोमांचक मुकाबले में हराकर पेरिस ओलंपिक पुरूष एकल बैडमिंटन स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। वह ओलंपिक में पुरूष एकल अंतिम चार में पहुंचने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने।

अलमोड़ा के बाईस वर्ष के विश्व चैम्पियनशिप 2021 कांस्य पदक विजेता लक्ष्य ने 75 मिनट तक चले कड़े क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 2022 विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता चेन को 19.21, 21.15, 21.12 से हराया।

पी वी सिंधू और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी के हारने के बाद अब पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन में सारी उम्मीदें लक्ष्य पर टिकी हैं।

भारत के लिये ओलंपिक में महिला एकल बैडमिंटन में साइना नेहवाल (2012) कांस्य, रजत (2016) और कांस्य (2020) जीत चुकी हैं।

राष्ट्रमंडल चैम्पियन लक्ष्य का सामना अब 2021 के विश्व चैम्पियन सिंगापुर के लोह कीन यू और ओलंपिक चैम्पियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलेसन के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।

भारत के लिये ओलंपिक बैडमिंटन पुरूष एकल स्पर्धा में पारूपल्ली कश्यप 2012 लंदन ओलंपिक में और किदाम्बी श्रीकांत 2016 रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे।

जीत के बाद लक्ष्य ने कहा, ‘‘यह ऐसा ही कुछ था जिसका मैने सपना देखा था। बहुत अच्छा लग रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी बहुत काम बाकी है। अब असली परीक्षा है। मेरे पास 48 घंटे का समय है जिसमें अगले मैच की तैयाररी करनी है। मुझे अपना शत प्रतिशत देना है।’’

लक्ष्य इससे पहले पिछले पांच में से चार मैच चेन से हार चुके थे। दोनों के बीच मुकाबला बराबरी का था और पासा पल पल पलटता रहा। दोनों ने लंबी रेलियां लगाई और पिछड़कर वापसी करते रहे।

पहले गेम में एक समय स्कोर 15.15 से बराबर था और लक्ष्य ने तीन अंक की बढत बना ली। लेकिन चेन ने वापसी करते हुए तीन अंक बनाये और बैकहैंड पर लक्ष्य की गलती का फायदा उठाते हुए पहला गेम जीत लिया।

दूसरे गेम में भी दोनों ने आक्रामक शुरूआत की। जब स्कोर 7.7 था तब लक्ष्य ने लाइन कॉल के लिये रिव्यू लिया जिसका फैसला उनके पक्ष में नहीं रहा। इसके बावजूद उन्होंने एकाग्रता नहीं खोई और लगातार पांच अंक बनाये। उन्होंने दूसरा गेम जीतकर मैच को निर्णायक गेम तक खींचा।

निर्णायक गेम में चेन ने कई सहज गलतियां की जिसका फायदा लक्ष्य को मिला और उन्होंने मैच अपनी झोली में डाला।