Home मध्यप्रदेश अजा/अजजा उद्यमियों संबंधी मुख्यमंत्री चौहान की घोषणाओं पर हुआ अमल

अजा/अजजा उद्यमियों संबंधी मुख्यमंत्री चौहान की घोषणाओं पर हुआ अमल

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एमएसएमई विभाग ने जारी किए आदेश
औद्योगिक क्षेत्रों में 20 प्रतिशत भूखंड होंगे अजा/अजजा के लिए आरक्षित
प्रब्याजी और विकास शुल्क में 50 प्रतिशत की मिलेगी अतिरिक्त छूट
स्टार्टअप को निवेश पर 18 लाख की सहायता
भंडार क्रय नियमों में भी सर्विस सेक्टर में प्राथमिकता

भोपाल

अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों के हित में राज्य शासन ने तीन ऐतिहासिक और बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी साल फरवरी में इन वर्गों के उद्यमियों को आगे लाने के लिए विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में 20 प्रतिशत भूखंड आरक्षित करने और प्र-ब्याजी एवं विकास शुल्क में 50 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट देने की घोषणा की थी। साथ ही स्टार्ट अप को प्राप्त निवेश पर 18 प्रतिशत अधिकतम 18 लाख की सहायता देने का निर्णय लिया था। एक अन्य निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन में भी इन वर्गों के उद्यमियों से सामग्री क्रय करने में सर्विस सेक्टर में प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान की इन घोषणाओं और निर्णयों पर एमएसएमई सचिव पी. नरहरि ने आज आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया है कि विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत भूखंड का आरक्षण होगा तथा इन उद्यमियों को प्रब्याजी और विकास शुल्क में 50 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दिए जाने संबंधी एमएसएमई विभाग के औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 यथा संशोधित अक्टूबर 2022 में संशोधन किया गया है।

सेबी से अधिमान्य संस्था से निवेश प्राप्त करने पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमियों द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप्स को 18 प्रतिशत अधिकतम 18 लाख की सहायता प्राप्त करने का आदेश भी आज जारी किया गया। यह सहायता 4 चरणों में अधिकतम 72 लाख रूपये की सीमा में देय होगी। इस सहायता के लिए मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2022 में संशोधन किया गया है। इस सहायता के लिए इन वर्गों के उद्यमियों द्वारा प्रवर्तित स्टार्टअप में उनकी भागीदारी 51 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।

इसी प्रकार एक अन्य आदेश अनुसार मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियमों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के स्वामित्व वाले उद्यमियों से सामग्री क्रय प्राथमिकता अनुसार सर्विस सेक्टर में भी सेवा के वार्षिक 25 प्रतिशत उपार्जन में से 4 प्रतिशत उपार्जन किया जाएगा।