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भूस्खलन के कारण वायनाड में आईएमडी ने दिया बड़ा बयान, कहा- राज्यों को ऑरेंज अलर्ट जारी होने पर ही एक्शन ले लेना चाहिए

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नई दिल्ली
भीषण भूस्खलन के कारण केरल के वायनाड में बनी भयावह स्थिति के बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया। मौसम विभाग ने कहा कि राज्यों को ऑरेंज अलर्ट जारी होने पर ही एक्शन ले लेना चाहिए। इसने कहा कि राज्यों को रेड अलर्ट जारी होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। आईएमडी ने मीडिया ब्रीफिंग में संकेत दिया कि भूस्खलन प्रभावित वायनाड में पहले से ही अलर्ट जारी होने के कारण राहत उपाय तेजी से किए जा सकते थे। मौसम विभाग ने कहा, "केरल में 29 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था और 30 जुलाई को रेड अलर्ट जारी किया गया था।" उन्होंने आगे कहा, "जब ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था, तब ही हमें कार्रवाई करनी चाहिए थी, किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए रेड अलर्ट जारी करने का इंतजार नहीं करना चाहिए।" भारत के दक्षिणी राज्य में आई आपदा में मंगलवार से अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि केरल सरकार ने भारी बारिश के कारण वायनाड में संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में केंद्र की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। मंगलवार सुबह (30 जुलाई) को वायनाड जिले में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शाह के दावे का जवाब देते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि आईएमडी ने भूस्खलन से पहले जिले में केवल एक आरेंज अलर्ट जारी किया था। उन्होंने कहा कि जिले में 572 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो आईएमडी द्वारा की गई भविष्यवाणी से काफी अधिक है। भारतीय सेना ने अपने प्रयासों को बढ़ाते हुए प्रभावित क्षेत्रों से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। सेना के मद्रास सैपर्स के सदस्यों ने रातों-रात एक अस्थायी 100-फुट पुल बनाया और लोगों को बाहर निकाला। इससे और फंसे हुए लोगों को निकालने में तेजी आएगी और बचाव प्रयासों को और भी ज्यादा मदद मिलेगी।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभाग ने देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में नियमित आधार पर अच्छी खासी वर्षा गतिविधि को लेकर पूर्वानुमान जारी किया था और 30 जुलाई की सुबह केरल के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। आईएमडी प्रमुख ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मौसम विभाग ने 18 जुलाई और 25 जुलाई को भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में अच्छी खासी वर्षा गतिविधि के लिए एक विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया था।

महापात्र ने कहा, "25 जुलाई को जारी दीर्घकालिक पूर्वानुमान में 25 जुलाई से एक अगस्त तक पश्चिमी तटीय क्षेत्र और देश के मध्य भागों में अच्छी खासी बारिश की गतिविधि का संकेत दिया गया था। हमने 25 जुलाई को एक येलो अलर्ट जारी किया था, जो 29 जुलाई तक जारी रहा, जब हमने आरेंज अलर्ट जारी किया। 30 जुलाई की सुबह एक रेड अलर्ट जारी किया गया था, जो दर्शाता है कि 20 सेंटीमीटर तक बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है।" आईएमडी प्रमुख ने कहा कि आरेंज अलर्ट का मतलब है "कार्रवाई के लिए तैयार रहें और किसी को रेड अलर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए।" ेउन्होंने कहा कि इसी तरह, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए चेतावनी दी गई थी।