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अब मॉनसून मेहरबान, अगस्त में और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद: मौसम विभाग

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नई दिल्ली
जून और जुलाई के महीने में यूपी, दिल्ली, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश समेत बड़े मैदानी इलाके में भीषण गर्मी रही। कई दिन तो ऐसे थे कि पारा 50 डिग्री के आसपास पहुंच गया था, लेकिन अब मॉनसून मेहरबान हुआ है। जुलाई के आखिरी दिनों में पटना, लखनऊ, दिल्ली से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड तक में खूब बारिश हो रही है। यही नहीं मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त में रही सही कमी भी पूरी हो सकती है। इसके अलावा सितंबर में भी सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

इसकी वजह यह है कि अगस्त के अंत तक अल-नीना की अनुकूल स्थितियां देखने को मिल सकती हैं। आईएमडी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। भारत में कृषि के लिए मॉनसून बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कुल खेती योग्य भूमि का 52 प्रतिशत हिस्सा बारिश पर निर्भर है। आईएमडी ने बताया कि भारत में अगस्त और सितंबर के दौरान 422.8 मिमी की दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत वर्षा होगी। देश में एक जून से अब तक 453.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 445.8 मिमी होती है। यह सामान्य बारिश से दो प्रतिशत अधिक है क्योंकि जून में सूखा रहने के बाद जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हुई।

मौसम विभाग के हेड मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत से सटे हिस्से, लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ तथा मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। आईएमडी प्रमुख ने अगस्त-सितंबर में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में कम बारिश होने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। महापात्र ने कहा, "गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने का अनुमान है।

भारत में जुलाई में सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि मध्य क्षेत्र में 33 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मध्य भारत के हिस्सों में अच्छी बारिश हुई, जिससे कृषि को लाभ हो रहा है। मध्य भारत कृषि के लिए मानसून की वर्षा पर बहुत अधिक निर्भर है। आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में कम बारिश हुई है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। यह कमी अब अगस्त और सितंबर में दूर हो सकती है।