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ऊर्जा संसाधनों और उनके उपयोग के तरीकों पर गहन चिंतन जरूरी

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भोपाल

ऊर्जा का हमारे जीवन में एक महतवपूर्ण स्थान है। इसकी आवश्यकता हर वर्ग के व्यक्ति को होती है। आज हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं। हमें अपने ऊर्जा संसाधनों और उनके उपयोग के तरीकों पर गहन चिंतन की आवश्यकता है। ऊर्जा परिवर्तन सिर्फ तकनीकी बदलाव की बात नहीं है। यह हमारे समाज और पर्यावरण की दीर्घकालिक स्थिरता से भी जुड़ा है। मैं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रयास का स्वागत करता हूँ, जिन्होंने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जा परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण की दूरगामी सोच को आगे बढाने के लिये हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव के मार्गदर्शन में एक चिंतन कार्यशाला का आयोजन किया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह बातें ऊर्जा विभाग और यूनीवर्सिटी ऑफ केम्ब्रिज द्वारा "जस्ट ट्रांजिसन पाथवेज" विषय पर आधारित वर्कशाप में कही।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारा और आप सब का दायित्व भी है और कर्तव्य भी कि हम आने वाली पीढ़ी, हमारे बच्चों को एक साफ सुथरा और स्वस्थ वातावरण दें। इसके लिए हमें ऊर्जा नीति ऐसी बनानी चाहिए, जिससे अंतिम व्यक्ति तक सस्ती और गुणवत्ता पूर्ण बिजली उपलब्ध हो। पिछले कुछ दशकों में हमने ऊर्जा उत्पादन और उपयोग के पारंपरिक तरीकों पर अत्यधिक निर्भरता देखी है। कोयला, तेल, और गैस जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का लगातार दोहन किया है, लेकिन उनके दीर्घकालिक प्रभाव हमारे पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर रहे हैं।

अब समय आ गया है कि हम ऊर्जा नीतियों को एक नई दिशा में मोड़ें। सौर, पवन, जल और भू-तापीय ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों की ओर बढें। ये स्रोत न केवल पर्यावरण के लिए कम हानिकारक हैं, बल्कि वे लम्बे समय तक आर्थिक और सामाजिक लाभ भी प्रदान करते हैं।

ऊर्जा विभाग लगातार नए परिवर्तनों को ग्राह्य करते हुए देश और विश्व की मांग के अनुरूप कार्य कर रहा है। यह प्रयास एक सही दिशा में एक न्यायपूर्ण परिवर्तन को सुनिश्चित करते हैं और ऊर्जा क्षेत्र को अधिक सस्टेनेबल और सक्षम बनाते हैं।

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मध्यप्रदेश में ऊर्जा तथा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।

कैम्ब्रिज यूनीवर्सिटी के प्रो. वाइस चांसलर भास्कर वीरा ने "जस्ट ट्रांजिसन पाथवेज" वर्कशाप के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया।

इस दौरान एसईसीएल के सीएमडी पी.एस. मिश्रा, निदेशक कार्मिक एनएचपीसी उत्तम लाल, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शशि सिंह और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।