भोपाल
ट्रेन दुर्घटना में अत्यत गंभीर रूप से घायल दो बाघ शावकों को दिनाक 16.07 2024 को मिडघाट रेल्वे लाईन बुधनी से रेस्क्यू कर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था। उक्त दोनों बाघ शावकों का वन्यप्राणी चिकित्सक एच अन्य चिकित्सक दल द्वारा दिनाक 17.07.2024 को विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण एवं एक्सरे किया गया था। तदनुसार वन विहार के वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा विषय विशेषज्ञों से परामर्श कर सतत उपचार किया जा रहा था। अत्यत घायल दूसरे बाघ शावक की भी आज दिनांक 31.07.2024 को मृत्यु हो गई। उल्लेखनीय है कि एक बाघ शावक की दिनाक 30.07.2024 को प्रात मृत्यु हो गई थी।
गभीर रूप से घायल उक्त दोनों बाघ शावकों को निगरानी में रखा जाकर वन्यप्राणी चिकित्सक वन विहार द्वारा विशेषज्ञों के परामर्श लेकर सतत उपचार किया जा रहा था। परन्तु दोनों बाघ शावकों के पिछले हिस्से में गंभीर चोट एवं कई जगह फ्रेक्चर होने के कारण उनका पिछला हिस्सा काम नहीं कर रहा था एवं बाघ शावकों द्वारा पर्याप्त मात्रा में भोजन-पानी भी नहीं लिया जा रहा था, जिससे उनकी स्थिति में वाछित सुधार परिलक्षित नहीं हो पा रहा था। बेहतर उपचार के बावजूद भी दोनों बाघ शावकों को बचाया नहीं जा सका।
मृत बाघ शावक का पोस्टमार्टम डॉ. अतुल गुप्ता वन्यप्राणी चिकित्सक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान डॉ. रजत कुलकर्णी, वाईल्ड लाईफ एसओएस वन विहार एव डॉ प्रशांत देशमुख वाईल्डलाईफ कजर्वेशन ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। पोस्टमार्टम उपरांत मृत बाध शावक का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में वरिष्ठ अधिकारियों एव अन्य उपस्थिति अधिकारियों/कर्मचारियों के समक्ष नियमानुसार दाह संस्कार कर दिया गया।