जयपुर.
शिक्षा विभाग द्वारा वार्षिक पंचांग की घोषणा होते ही एक बार फिर से शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री दोनों विपक्ष के निशाने पर आ गए। दरअसल 2024-25 के लिए जारी किए गए शैक्षिक कैलेंडर शिविरा पंचांग में से इंदिरा गांधी की जयंती को हटा दिया जाना विवाद का विषय बन गया। शिक्षा विभाग ने सावरकर की जयंती मनाए जाने पर सहमति दी है।
शैक्षिक कैलेंडर से इंदिरा गांधी की जयंती को हटाए जाने पर विपक्ष के विधायक हरिमोहन शर्मा ने इसे भाजपा की ओछी मानसिकता बताया, जिसका जवाब देते हुए भाजपा विधायक गोपाल शर्मा बोले कि जयंती तो सभी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों की मनाई जानी चाहिए, इंदिरा गांधी की ही क्यों मनाई जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी को इंदिरा गांधी के प्रति श्रद्धा है तो वो मनाए, जिसको भी उनके द्वारा लगाए गए आपातकाल से संवेदना है वो जरूर मनाए। शर्मा ने आगे कहा कि यह प्रथा राजस्थान में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के साथ शुरू हुई थी। दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बोले कि इंदिरा गांधी की जयंती नहीं, पुण्यतिथि मनाएंगे। वीर सावरकर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वो सच्चे देश भक्त और आजादी की लड़ाई के सिपाही थे। शिक्षा विभाग ने सावरकर की जयंती मनाने पर सहमति दी है।