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आईटीआर नहीं भरा तो आपके साथ क्या-क्या हो सकता है, सात साल तक की

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नई दिल्ली
आज आईटीआर भरने की आखिरी तारीख है। जिन इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को ऑडिट की जरूरत नहीं है, उनके लिए फाइनेंशियल ईयर 2023-24 या एसेसमेंट ईयर 2024-25 का रिटर्न भरने की डेडलाइन आज खत्म हो रही है। अगर आप आज आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको 5,000 रुपये तक फाइन और ब्याज देना पड़ सकता है। साथ ही आपके पास ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने का मौका नहीं रहेगा। इससे आप सेक्शन 80सी, 80डी और एचआरए पर मिलने वाले छूट से वंचित रह जाएंगे। कई टैक्सपेयर्स और संस्थाएं आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर दिक्कतें आ रही हैं। साथ ही देश के कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं। हालांकि सरकार ने साफ किया है कि इस बार आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बढ़ने वाली नहीं है।

अगर आप 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल करने में नाकाम रहते हैं तो आपको तगड़ा जुर्माना देना पड़ सकता है। यह आपकी इनकम पर निर्भर करता है। आईटी एक्ट की धारा 234F के तहत अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको 5,000 रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है। इसी तरह अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो आपको 1,000 रुपये जुर्माना देना होगा। आईटी एक्ट की धारा 234A के मुताबिक अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है और आप समय पर इसका भुगतान नहीं करते हैं तो आपको हर महीने एक फीसदी ब्याज देना होगा। इस साल से न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बनाया गया है। इसलिए 31 जुलाई के बाद आपके पास ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने और छूट का दावा करने का विकल्प नहीं होगा।

सात साल की सजा

 इनकट टैक्स एक्ट के तहत अगर आपने आईटीआर नहीं भरा या आप टैक्स नहीं दते हैं तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है। कानून में साफ कहा गया है कि रिटर्न दाखिल नहीं करने, इनकम छिपाने और फर्जी दावे करने पर जेल की सजा का प्रावधान है। अगर आपकी टैक्स देनदारी 25,000 रुपये से अधिक है तो आपको छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसी तरह अगर आपकी टैक्स देनदारी 25,000 रुपये से कम है तो आपको तीन महीने से दो साल तक की कड़ी सजा हो सकती है। साथ ही फाइन भी देना पड़ सकता है। इसलिए लोगों को अपने कर दायित्व का ईमानदारी के साथ निर्वहन करना चाहिए ताकि जेल जाने की नौबत न आए।

अंतिम समय के बाद रिटर्न फाइल करने पर क्या होगा?

· यदि आप अंतिम तिथि तक आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो बाद में रिटर्न फाइल करने के लिए आपको जुर्माने का भी भुगतान करना होगा.

· यदि आपकी कुल आय पांच लाख रुपये की टैक्स लिमिट के अंतर्गत है तो लेट फीस के रूप में 1,000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा. इसके अलावा कुछ मामलों में 5000 रुपये की भी लेट फीस देनी पड़ सकती है.

· यदि आपके ऊपर टैक्स का बकाया है और आपने 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल नहीं किया तो ऐसे मामले में भी आपको जुर्माने का भुगतान तो करना ही होगा. साथ ही बकाए टैक्स के लिए ब्याज भी देना होगा.

· समय पर आईटीआर फाइल करने वालों को समय पर सरकार से टैक्स रिफंड भी प्राप्त हो जाता है.

· लेट आईटीआर भरने वालों को ओल्ड टैक्स रिजीम के अंतर्गत मिलने वाली छूट का भी लाभ नहीं मिल पाएगा.

समय पर आयकर रिटर्न फाइल करने के लाभ

यदि आप 31 जुलाई से पहले ही अपना आयकर रिटर्न फाइल कर देने हैं तो आपको कई लाभ मिलेंगे. जिसमें पहला तो यही है कि किसी भी प्रकार की कोई भी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. करदाता सामान्य रूप से अपने टीडीएस का क्लेम कर पाएंगे.

31 जुलाई के बाद भी आईटीआर फाइल किया जा सकता है लेकिन इसके लिए आपको कीमत चुकानी होगी. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2024 है. आयकर विभाग कहता आया है कि टैक्सपेयर्स इस तारीख तक अपना रिटर्न फाइल कर दें.

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल-इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) ने औपचारिक रूप से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 अगस्त तक बढ़ाने का अनुरोध किया है. इसके लिए टैक्स बॉडी ने अलग-अलग परेशानियों का हवाला दिया है.

आखिरी तारीख पर कई चुनौतियां

सीए अभिषेक जैन ने कहा, “जैसे-जैसे आईटीआर दाखिल करने की 31 जुलाई की समय सीमा नजदीक आ रही है, इसे बढ़ाने की मांग बढ़ रही है. वहीं, अंतिम समय में जल्दबाजी के कारण फॉर्म 26एएस/एआईएस/टीआईएस तक पहुंच चुनौतीपूर्ण है.” फिनकॉर्पिट कंसल्टिंग के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव सिंह परमार ने कहा, “ओटीपी वेरिफिकेशन फेलियर और वेरिफिकेश एरर के कारण बार-बार सबमिशन के प्रयास से फाइलिंग प्रोसेस मुश्किल हो जाती है.

गौरव सिंह परमार ने कहा, “हालांकि आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा के बढ़ाने की बात को नकारा नहीं जा सकता है. लेकिन, सरकार ने पिछले तीन वर्षों में लगातार 31 जुलाई को टाइम लाइन फिक्स रखी है इसलिए इसमें ढील देना मुश्किल नजर आ रहा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, 26 जुलाई तक 5 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं.