नई दिल्ली
यूपी विधानसभा में पेपर लीक के लिए नया कानून पास हो चुका है। नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए अब नया कानून जांच एजेंसियों का हथियार बनेगा। उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधना का निवारण) विधेयक-2024 विधानसभा में पास हो गया है। नए कानून के तहत अब परीक्षा में नकल व पेपर लीक कराने वाले गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो सकेगी। इसके साथ ही 'लव जिहाद रोकथाम' का बिल भी विधानसभा में पास कर दिया गया है। अब पूरे प्रदेश में धोखे से या बलपूर्वक कराए गए मतांतरण के मामलों में कानून और सख्त होगा। इस कानून के तहत दोषियों को उम्रकैद तक की सजा होगी। गंभीर अपराधों की भांति अब कोई भी व्यक्ति मतांतरण के मामले में भी एफआइआर दर्ज करा सकेगा।
पेपर लीक कानून: कितना लगेगा जुर्माना?
पेपर लीक कानून में न्यूनतम दो वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। न्यूनतम दो लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना भी होगा। नए कानून के तहत साल्वर गिरोह के अपराध की पुनरावृत्ति करने पर आजीवन कारावास से न्यूनतम 50 लाख रुपये जुर्माने तक की व्यवस्था की गई है।
परीक्षा संचालित कराने वाले एजेंसी व उसके संचालकों की जिम्मेदारी तय किए जाने के साथ ही गड़बड़ी पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई के कड़े प्रावधान किए गए हैं। नए कानून के तहत दोषियों की संपत्तियां भी जब्त की जा सकेंगी। पुलिस भर्ती व आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर बड़े सवाल खड़े किए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने का निर्देश दिया था। कैबिनेट ने बीते माह उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 को स्वीकृति दी थी।
मानसून सत्र के पहले ही दिन सरकार ने नए कानून के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया। प्रदेश में अब सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग, पेपर लीक कराने वालों व साल्वर गिरोह के सदस्यों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा सकेगी। पेपर लीक कराने वाले गिरोह से परीक्षा में हुआ खर्च भी वसूला जा सकेगा।