बेतिया.
बेतिया में एक अंधविश्वास का खेल सामने आया है। जहां एक युवक की सर्पदंश से मौत हो जाने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार के बजाय उसे चिता पर लेट कर नदी में बहा दिया, ताकि मृतक जिंदा हो जाए। मामला जिले के वाल्मीकि नगर के लवकुश घाट गांव का है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात आठ बजे युवक सूरज को सांप ने काट लिया। घटना की मिलते ही, सूरज के पिता उसे नेपाल स्थित सर्पदंश उपचार केंद्र ले गए।
स्थिति में सुधार न होने पर उसे बगहा अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजन अंधविश्वास को लेकर झाड़-फूंक के चक्कर में शनिवार दिनभर भटकते रहे। घंटों प्रयास के बाद भी जब सूरज जीवित नहीं हुआ, तो फिर किसी ने उल्टा-सीधा समझाकर अंधविश्वास में डाल दिया और उन्होंने अंतिम संस्कार की बजाय परिजनों ने मृतक को चिता पर लेटाकर गंडक नदी में बहा दिया और केले के थम में बांधकर केले के थम को भी गंडक नदी में डाल दिया, यह सोचते हुए कि शायद वह जीवित हो जाए। इधर, कई लोग इसे पाखंड बता रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा करना ठीक नहीं है। कई लोग अभी भी अपना गंतव्य देते हुए यह कह रहे हैं कि शव को अभी से भी निकाल कर अंतिम संस्कार कर दिया जाए, ऐसा करना सही नहीं है। ऐसे करने से मृतक जिंदा कभी भी नहीं होगा।