Home मध्यप्रदेश ग्वालियर-चंबल की राजनीति को नई दिशा देगा अंबेडकर महाकुंभ !

ग्वालियर-चंबल की राजनीति को नई दिशा देगा अंबेडकर महाकुंभ !

6

ग्वालियर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में मेला परिसर में आयोजित अंबेडकर महाकुंभ को ग्वालियर-चंबल संभाग की राजनीति की नई दिशा तय करने के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। इस वृहद आयोजन के जरिए अनुसूचित जाति वर्ग की उम्मीदों को नया भरोसा मिलने की संभावनाएं जागी हैं। ऐसे में अंचल की लगभग एक दर्जन सीटों पर भाजपा का जनाधार बढ़ सकता है। गौरतलब है कि ग्वालियर और चंबल संभाग के आठ जिलों की कुल 34 सीटों में से 7 पर तो अनुसूचित जाति के मतदाता सीधे चुनाव परिणाम तय करने की स्थिति में है, जबकि 4-5 अन्य सीटें पर भी  इस वर्ग की भूमिका काफी मायने रखती है। इस लिहाज से शिवराज सरकार ने अंबेडकर महाकुंभ का जो आयोजन कराया है, वो अंचल की राजनीति की दिशा को तय करने के लिहाज से देखा जा रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो इसे भाजपा के लिए नया पॉलिटिकल ट्रेक तैयार करने के लिहाज से देखा जा रहा है।  बता दें कि बीते सालों में ग्वालियर-चंबल अंचल के चुनाव परिणाम प्रदेश में सरकार बनाने के लिहाज से लगातार काफी अहम् भूमिका निभाते रहे हैं, लिहाजा भाजपा अंचल में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहती है। इसी गरज से ग्वालियर में अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन कराया गया, जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के तमाम नेता शामिल हुए। साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के नजरिए से यह आयोजन अहम माना जा रहा है।

हर समाज पर पकड़ के लिए खाका तैयार
दरअसल अंबेडकर महाकुंभ के दौरान सीएम ने घोषणा की है कि अलग-अलग समाजों की उपजातियों की जो समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए उसी समाज से एक टीम बनाई जाएगी। इसके माध्यम से वह अपनी समस्याओं के बारे में विचार करके सरकार को सुझाव दे सकेंगे और उसमें से जो अमल करने लायक सुझाव हों उन पर अमल किया जाएगा।

इसलिए है अंचल पर बीजेपी का फोकस
बता दें कि 2023 चुनावों के मद्देनजर ग्वालियर-चंबल में बीजेपी का यह सबसे बड़ा आयोजन है, जिसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर्स को साधने की बड़ी कोशिश की गई है। उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले एट्रोसिटी एक्ट को लेकर ग्वालियर-चंबल अंचल में ही ज्यादा माहौल बिगड़ा था, जिसका सबसे बड़ा नुकसान बीजेपी को हुआ था। बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में बीजेपी यहां लगातार एक्टिव है।