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अतीक-अशरफ की तरह पहले भी कस्टडी में हो चुकी हैं कई सनसनीखेज हत्या, ये हैं पश्चिमी यूपी के टॉप 6 हत्याकांड

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प्रयागराज
प्रयागराज में अतीक और उसके भाई अशरफ की गोलियां बरसाकर शनिवार रात हत्या कर दी गई। हालांकि इस तरह की सनसनी और दुस्साहसिक वारदात पुलिस अभिरक्षा के दौरान पश्चिमी यूपी में पहले भी हो चुका है। कई बार पुलिस कस्टडी में अपराधियों को गोलियों से छलनी कर दिया गया तो कभी मुकदमे के वादी-गवाहों की हत्या कर दी गई। कई बार ऐसे हमलों में पुलिस को गोली भी खाई। रविंद्र भूरा हत्याकांड, नितिन गंजा और मुन्ना बजरंगी हत्याकांड इसके उदाहरण हैं।

रविंद्र भूरा हत्याकांड
16 अक्टूबर साल 2006 को मेरठ कचहरी में रविंद्र भूरा की पेशी थी। इस दौरान एक गिरोह ने हथियारों के साथ रविंद्र भूरा और उसकी सुरक्षा में लगी पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। ताबड़तोड़ गोलियों में रविंद्र भूरा और कचहरी में मुलाकात करने आए उसके भतीजे गौरव की मौत हो गई। वहीं कांस्टेबल मनोज कुमार भी शहीद हो गए। जवाबी कार्रवाई में एक अपराधी राजेंद्र उर्फ चुरमुट मौके पर ही ढेर हो गया। पुलिस ने अजय मलिक उर्फ जंगू, आजाद, बंटू, अजय जडेजा, चन्द्रपाल, गुलाब उर्फ फौजी और राजेंद्र उर्फ चुरमुट को आरोपी बनाया था।

नितिन गंजा हत्याकांड  
बागपत के बड़ौत थाने के वाजिदपुर गांव के रहने वाले नितिन गंजा की पांच सितंबर साल 2014 को मेरठ कचहरी परिसर में दिनदहाड़े पुलिस कस्टडी में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने खुलासा किया कि नितिन, उधम सिंह गैंग का सदस्य था। करनावल में हुए उधम गैंग के तीन सदस्यों की हत्या में योगेश भदौड़ा मुख्य आरोपी था और नितिन गंजा इसी मुकदमे में गवाह था। नितिन का नाम योगेश के भाई प्रमोद की हत्या में भी सामने आया था। आरोप है कि योगेश भदौड़ा ने ही नितिन की भरी कचहरी हत्या कराई। नितिन हत्याकांड में योगेश भदौड़ा, विश्वास, सुमन पत्नी योगेश, नितिन, राकेश, विनय पुत्र सत्यपाल, सरला पत्नी सत्यपाल, जयप्रकाश के अलावा अन्य अज्ञात में दर्ज थे। पुलिस ने अक्षय मलिक का नाम भी बढ़ाया था।

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड
9 जुलाई साल 2018 को बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुन्ना बजरंगी को बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेश किया जाना था। 8 जुलाई साल 2018 को मुन्ना को झांसी जेल से बागपत लाया गया और देर होने के कारण बागपत जेल में रुकवाया गया। यहीं पर मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई को हत्या कर दी गई। वारदात को सुनील राठी ने अंजाम दिया और 12 गोलियां मारी थीं। मुन्ना बजरंगी पर 40 से ज्यादा संगीन मामले जर्ज थे। मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेमप्रकाश सिंह ने 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। सुनील राठी ने खुलासा किया कि उसने मुन्ना बजरंगी से कहासुनी के बाद हत्या की थी। सुनील राठी और उसके साथियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस राजीव मिश्रा की डिवीजन बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। बजरंगी की हत्या का आरोपी सुनील राठी तिहाड़ जेल में है।