जयपुर.
राज्य में 24 हजार से ज्यादा पदों पर होने वाली सफाईर्मियों की भर्ती में देरी होने से वाल्मिकी समाज और संयुक्त सफाई संघ ने सामूहिक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। प्रतिनिधियों का कहना है कि इसी साल 23 जनवरी को सरकार के साथ हुए समझौते के अनुसार भर्ती की जानी चाहिए, इन्होंने भर्ती नहीं होने तक जयपुर में कचरा नहीं उठाए जाने का ऐलान कर दिया है।
कल इस संबंध में वाल्मीकि समाज और सफाईकर्मियों की संयुक्त बैठक हुई थी, जिसमें सामूहिक हड़ताल पर जाने की घोषणा की गई। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले साल सफाईकर्मियों की भर्ती निकाली थी लेकिन भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के बाद बार-बार नियमों में परिवर्तन के चलते भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने भी दो बार संशोधित विज्ञप्ति जारी की थी। वाल्मीकि समाज ने इन परिवर्तित नियमों का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई है, जिसकी वजह से भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी। लॉटरी से भर्ती कराने के निर्णय पर भी समाज के लोगों ने ऐतराज जताया। समाज की मांग है कि सफाईकर्मियों की भर्ती समझौते के तहत मस्टररोल के आधार पर ही कराई जानी चाहिए। समाज के नेता दीपक डंडोरिया का कहना है कि पूर्व में नगरीय निकायों में सफाईकर्मी के रूप में काम कर चुके अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का प्रावधान किया गया था। साथ ही जिन अभ्यर्थियों का कोर्ट में केस विचाराधीन है, उन्हें भी इस भर्ती में प्राथमिकता दी जानी थी लेकिन समझौते के इन बिंदुओं को दरकिनार करते हुए लॉटरी के माध्यम से भर्ती किए जाने की तैयारी की जा रही है, जो कि उचित नहीं है। डंडोरिया ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती, तब तक जयपुर शहर सहित संपूर्ण राजस्थान में सफाई कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर रहेंगे।