बोकारो/गिरिडीह/हजारीबाग.
अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 27 मजदूरों की सकुशल वतन वापसी हो गई है। मजदूरों ने पिछले दिनों वीडियो संदेश जारी कर केंद्र व राज्य सरकार से सुरक्षित वतन वापसी की गुहार लगाई थी। राज्य सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया था। चार महीने से मजदूरी नहीं मिलने के कारण खाने-पीने में मजदूरों को परेशानी हो रही थी। कामगारों ने वीडियो संदेश जारी किया था। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद झारखंड व भारत सरकार हरकत में आई।
प्रवासी श्रमिकों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने इस सिलसिले में केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों की सकुशल वतन वापसी के लिए पहल करने की मांग की थी। भारतीय दूतावास में बकाया मजदूरी और वतन वापसी को लेकर संबंधित कंपनी और मजदूरों के बीच वार्ता हुई थी और इसका निष्पादन विनायक कंपनी और एलएंडटी कंपनी की मध्यस्थता के कारण सफल हो पाई और चार महीने का बकाया मजदूरी भुगतान के साथ वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया।
मजदूरों के परिवारों में खुशी
वतन वापसी की खबर की सूचना पर प्रवासी मजदूरों के परिवार में खुशी की लहर देखी जा रही है। कैमरून में बोकारो, गिरिडीह, और हजारीबाग जिले के मजदूर हैं। 27 मजदूर में से 18 मजदूर बोकारो, 4 मजदूर गिरिडीह और 5 हजारीबाग जिला के रहनेवाले हैं। बोकारो जिला के रहनेवाले मजदूरों में डुमरी विधानसभा क्षेत्र के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कडरूखूंटा के मोहन महतो, जगदीश महतो, गोविंद महतो, डेगलाल महतो, चुरामन महतो, मुरारी महतो, पुसन महतो और लखीराम. जबकि गोनियाटो के महेश कुमार महतो, कमलेश कुमार महतो, दामोदर महतो और मुकुंद कुमार नायक, घवईया के अनु महतो और धनेश्वर महतो, नारायणपुर के परमेश्वर महतो और रालीबेड़ा के शीतल महतो और कुलदीप हांसदा के नाम शामिल हैं। वहीं गिरिडीह जिला के सरिया थाना क्षेत्र स्थित चिचकी के सुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के विजय कुमार महतो, अतकी के रमेश महतो और दूधपनिया के दौलत कुमार महतो हैं जबकि हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अचलजामु निवासी बिसुन, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, जोबार के टेकलाल महतो और चानो के चिंतामण महतो शामिल हैं। इस कार्य के लिए प्रवासी मजदूरों ने सरकार और मीडिया का आभार जताया। सिकंदर अली की भी तारीफ की।