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‘ विशेष दर्जा के क्राइटेरिया में बिहार फिट नहीं’, JDU सांसद के सवाल पर संसद में बोले वित्त राज्य मंत्री

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नई दिल्ली

 संसद में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठी, लेकिन सरकार ने ऐसे किसी भी प्लान से इनकार कर दिया है। खास बात है कि NDA यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस में भारतीय जनता पार्टी के साथ जनता दल (यूनाइटेड) भी इसकी मांग करते रहे हैं। सरकार की तरफ से मना किए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जमकर निशाना साधा है और कहा कि बिहार को विशेष राज्य और विशेष पैकेज दोनों ही चाहिए।

बिहार के झंझारपुर से जदयू सांसद रामप्रीत मंडल ने वित्त मंत्रालय से सवाल किया कि क्या सरकार के पास बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की कोई योजना है। इसपर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में इससे इनकार कर दिया।

आगे कहा गया, 'नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल (NDC) की तरफ से योजना सहायता के लिए कुछ राज्यों को विशेष दर्जा दिया गया था, जिनपर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी। इनमें पहाड़ी और दुर्गम जमीन पर होना, कम जनसंख्या घनत्व होना या बड़ी संख्या में आदिवासी आबादी होना, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछड़े राज्य शामिल हैं।'

इसमें कहा गया, 'पहले इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप (IMG) की तरफ से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के अनुरोध पर विचार दिया गया था। इसने 30 मार्च 2012 में रिपोर्ट सौंप दी थी। IMG इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि मौजूदा NDC मानदंडों के आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला नहीं बनता है।'

इससे पहले जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा था कि बिहार के लिए विशेष राज्य की मांग जदयू की प्राथमिकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा था, 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। यह मांग हमारी पार्टी की शुरू से ही रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मांग को लेकर बड़ी रैलियां की हैं। अगर सरकार को लगता है कि इसमें कोई परेशानी है, तो हम बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग करते हैं।'

लालू की पार्टी का जदयू पर हमला
पीटीआई भाषा के अनुसार, राजद नेता मनोज झा ने सोमवार को राज्यसभा में बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा के साथ-साथ विशेष पैकेज देने की भी मांग उठाई और कहा कि इसके लिए उनकी पार्टी संसद से सड़क तक संघर्ष करेगी। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए झा ने NDA सरकार की प्रमुख सहयोगी JDU पर भी निशाना साधा और कहा कि विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की मांग में 'या' के लिए कोई स्थान नहीं है।

उन्होंने जद (यू) की ओर संकेत करते हुए कहा, ''हमारे कुछ साथी जो हमारे साथ काम कर चुके हैं, कहते हैं कि विशेष राज्य न दे सको तो विशेष पैकेज पैकेज दो। विशेष राज्य और विशेष पैकेज के बीच में 'या' नहीं है। बिहार को 'या' स्वीकार नहीं है। विशेष राज्य का दर्जा भी चाहिए और विशेष पैकेज भी चाहिए। हमें दोनों चाहिए। संसद में मांगेंगे, सड़क पर मांगेंगे।''

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग बहुत पुरानी है और राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दल इसकी मांग करते रहे हैं। हाल ही में केंद्र की राजग सरकार का हिस्सा बनने के बाद बिहार के सत्तारूढ़ जद (यू) ने इस मामले में अपना रुख लचीला किया है और उसके नेताओं ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि विशेष दर्जा देने में दिक्कत है तो फिर बिहार के लिए विशेष पैकेज ही दे दिया जाए।

RJD ने साधा निशाना

वित्त राज्य मंत्री के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुटकी ली है. RJD ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,  "बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!" संसद में मोदी सरकार. नीतीश कुमार और JDU वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए 'विशेष राज्य के दर्जे' पर ढोंग की राजनीति करते रहें!'

वहीं दिल्ली पहुंचे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. लोकसभा में सरकार की तरफ से विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने वाले जवाब पर लालू यादव ने कहा, 'नीतीश कुमार ने कहा था विशेष राज्य का दर्जा दिलवाएंगे.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें.हम विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे, केंद्र को देना होगा विशेष राज्य का दर्जा.'

JDU, LJP और HAM ने बजट सत्र से पहले भी उठाया था मुद्दा

दरअसल, बजट से ठीक पहले बिहार को विशेष राज्य दर्जा दिलाने की आवाज लगातार बुलंद हो रही थी. एनडीए के सहयोगी दलों ने एकसुर में कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले. नीतीश कुमार की जेडीयू, जीतनराम मांझी की हम और चिराग पासवान की एलजेपी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग की थी. जेडीयू नेता ने कहा विशेष राज्य बिहार की आवश्यकता है तो वहीं, HAM ने कहा बिना इसके हम विकास कर नहीं पा रहे हैं. हमारे पास संसाधनों का अभाव है.. इसलिए बिहार को विशेष राज्य दर्जा मिलना चाहिए.

चिराग पासवान की पार्टी के सांसद अरुण भारती ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की मांग पर बोलते हुए कहा कि हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा… नीति आयोग के प्रावधानों को बदलने की जरूरत पड़ी तो गठबंधन के नेताओं के साथ बैठकर विचार विमर्श किया जाएगा.

क्या हैं विशेष राज्य के दर्जा के लाभ

विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने पर केंद्र सरकार उस राज्य को केंद्र प्रायोजित योजनाएं लागू करने के लिए 90 प्रतिशत धनराशि देती है, जबकि अन्य राज्यों में यह 60 प्रतिशत या 75 प्रतिशत होती है. बाकी धनराशि राज्य सरकार खर्च करती है. यदि आवंटित धनराशि खर्च नहीं की जाती है तो वह समाप्त नहीं होती है तथा उसे कैरी फॉरवर्ड यानी आगे ले जाया जाता है. राज्य को सीमा शुल्क, आयकर और कॉर्पोरेट कर सहित करों और शुल्कों में भी महत्वपूर्ण रियायत मिलती हैं. केन्द्र के सकल बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा विशेष श्रेणी वाले राज्यों को जाता है.