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योगी सरकार SCR योजना के तहत 27860 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण करेगी

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 लखनऊ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) की तर्ज पर एससीआर (स्टेट कैपिटल रीजन) को विकसित करने के लिए एक्शन मोड में काम कर रही है. सरकार ने एससीआर के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.

योगी सरकार की इस योजना के तहत 27860 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण किया जाएगा. लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी को एससीआर में शामिल किया गया है. डेवलेपमेंट अथॉरिटी के गठन से इन सभी जिलों का नियोजित शहरीकरण और विकास होगा.

सीएम होंगे अथॉरिटी के चेयरमैन

मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के चेयरमैन होंगे. मुख्य सचिव, विभागीय अपर मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, अपर मुख्य सचिव और कई महत्वपूर्ण विभागों के सचिव इसके सदस्य होंगे. सभी 6 जिलों के डीएम और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी सदस्य होंगे.

भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी भी प्राधिकरण के सदस्य होंगे. एससीआर प्राधिकरण के सचिव का पद डिविजनल कमिश्नर लखनऊ के पास रहेगा. सरकार का मानना ​​है कि एससीआर शहरीकरण के लिए उचित ढांचा तैयार करेगा.

तैयार किया जाएगा एससीआर का नक्शा

क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सलाहकारों की भी नियुक्ति की जाएगी. एससीआर बनाने के लिए प्रस्तावित क्षेत्र का नक्शा तैयार किया जाएगा. इसमें शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य के अलावा पुरातात्विक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन को भी ध्यान में रखा जाएगा.

एससीआर में शामिल ये जिले

एससीआर में लखनऊ और उसके आसपास के जिले जैसे हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी को शामिल किया जाएगा. सीएम योगी ने अफसरों को आगामी 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे.

एससीआर प्राधिकरण के सचिव होंगे मंडलायुक्त

इसके साथ ही मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक भी पदेन सदस्य होंगे। साथ ही भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय की ओर से नामित अधिकारी भी इस प्राधिकरण के सदस्य होंगे। वहीं, एससीआर प्राधिकरण के सचिव मंडलायुक्त लखनऊ होंगे। बताते चले कि एनसीआर को जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कहा जाता है वैसे ही एससीआर को भी राज्य राजधानी क्षेत्र के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह एनसीआर में जैसे दिल्ली के आसपास के जिलों को राष्ट्रीय राजधानी के तहत योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया गया है।

एनसीआर की तर्ज पर ही एससीआर में लखनऊ और उसके आसपास के जिलों का विकास लखनऊ के तहत ही किया जाएगा। कुल मिलाकर नोएडा-गाजियाबाद की तरह ही लखनऊ और उसके आसपास के जिलों की भी तस्वीर बदल जाएगी। इन इलाकों में विकास योजनाओं को तेज गति दी जा सकेगी।