अक्षय तृतीया के अवसर पर माता लक्ष्मी के साथ कुबेर की पूजा करनी चाहिए. इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:49 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक है. अक्षय तृतीया के दिन आप जो भी कार्य करते हैं, उसका पुण्य या फल कभी नष्ट नहीं होता है. वह सदैव आपके साथ रहता है. इस वजह से लोग अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करते हैं ताकि धन-संपत्ति में कमी न हो, वह बढ़ता रहे. अक्षय तृतीया पर कुबेर पूजा का महत्व और मंत्र.
अक्षय तृतीया पर क्यों करते हैं कुबेर की पूजा?
कुबेर को धनपति या धन का संरक्षक कहा जाता है. वे रावण के सौतेले भाई हैं. उनको भगवान शिव ने धनपति होने का आशीर्वाद दिया था. कुबेर को स्थिर धन का प्रतीक माना जाता है यानि उनका धन कभी घटता नहीं है. अक्षय तृतीया के दिन कुबेर यंत्र या कुबेर की मूर्त नहीं है तो तिजोरी को ही कुबेर का प्रतीक मानकर पूजा कर सकते हैं. कुबेर की कृपा से आपका धन स्थायी रहेगा, उसमें कभी कोई कमी नहीं होगी.
माता लक्ष्मी हैं चंचला
माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी हैं, लेकिन वे चंचला हैं. वे किसी के पास भी लंबे समय तक नहीं ठहरती हैं. उनको स्थिर करने के लिए साथ में गणेश जी की पूजा करते हैं. माता लक्ष्मी ने अपने दत्तक पुत्र गणेश जी को वरदान दिया था कि जहां भी गणपति की पूजा होगी, वहां पर वे स्थायी रूप से निवास करेंगी. इस वजह से हमेशा माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की मूर्ति रखी जाती है.
अक्षय तृतीया पर करें लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा
अक्षय तृतीया के दिन आप शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी और कुबेर की पूजा विधिपूर्वक करें. इस दिन सोना खरीदें या जौ खरीदकर लाएं. उसका उपयोग पूजा में करें. जौ को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. माता लक्ष्मी और कुबेर के आशीर्वाद से आपके धन-दौलत में वृद्धि होगी.
कुबेर के प्रभावशाली मंत्र
धन प्राप्ति कुबेर मंत्र
ओम श्रीं ओम ह्रीं श्रीं ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:.
अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र
ओम ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः.
पंच त्रिंशदक्षर मंत्र
ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि दापय स्वाहा.