नई दिल्ली
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फिर से हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। विवादास्पद न्यायिक सुधार प्रस्तावों को रोकने की सरकार की योजना के बावजूद दसियों हज़ार लोग इजरायल में सड़कों पर उतर आए हैं। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज़ द्वारा इजरायल की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट के बाद ये विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। एजेंसी ने शुक्रवार को देश की स्थिति को सकारात्मक से स्थिर में स्थानांतरित कर दिया था। एजेंसी ने सरकार के न्यायिक सुधार के प्रस्तावों पर आर्थिक हंगामे की आशंका के संकेत दिए हैं।
अलजजीरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली ब्रॉडकास्टर चैनल 12 के अनुसार, शनिवार को तेल अवीव में हुए विरोध-प्रदर्शन में 100,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसके अलावा देश भर में कई छोटे प्रदर्शन हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि देशभर में अन्य कई स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन विरोध-प्रदर्शनों के आयोजकों, जिन्होंने तीन महीने से अधिक समय से इन साप्ताहिक विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है, का लक्ष्य नेतन्याहू और उनकी सरकार पर तब तक दबाव बनाए रखना और जब तक कि प्रस्तावित न्यायिक सुधारों को रद्द नहीं कर दिया जाता है। सिविल सोसाइटी, सेना के कुछ लोगों और यहां तक कि अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के विरोध का सामना करते हुए प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पिछले महीने मार्च के अंत में न्यायिक सुधार योजनाओं को यह कहते हुए रोक दिया था कि वह "गृहयुद्ध से बचना चाहते हैं"।
प्रस्तावित न्यायिक सुधार के प्रावधानों के मुताबिक भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे प्रदानमंत्री जजों की नियुक्ति में अंतिम फैसला ले सकेंगे। देशभर में इसी का विरोध हो रहा है और आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस सुधार के जरिए पीएम नेतन्याहू अपने खिलाफ सभी केसों को खत्म कराना चाहते हैं।
प्रस्तावित सुधारों के मुताबिक संसद को सुप्रीम कोर्ट के किसी भी फैसले को पलटने या उसकी समीक्षा कर अदालती अधिकार को सीमित करने का अधिकार देता है, जिस पर नेतन्याहू और उनके सहयोगियों के कब्जा है। विरोधियों का आरोप है कि ऐसा होने से संसद में नेतन्याहू और उनके सहयोगियों के हाथों में सत्ता केंद्रित हो जाने और देश में नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था के नष्ट हो जाने का अंदेशा है। इसबीच, इजरायल की सरकार ने शनिवार को मूडीज की क्रेडिट रेटिंग को खारिज कर दिया है।